अगर हर भारतीय से पूछा जाए कि भारत का सबसे भरोसेमंद ब्रांड कौन-सा है? तो हर आदमी का एक ही जवाब होगा…TATA, अक्सर लोग कहते हैं कि नौकरी सरकारी हो या फिर टाटा की. टाटा ग्रुप ने अपनी इस साख को बरकरार रखा है. टाटा समूह ने भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांड के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है जबकि इन्फोसिस और एचडीएफसी समूह को ब्रांड फाइनेंस की रिपोर्ट में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान मिला है. ब्रांड मूल्यांकन सलाहकार ‘ब्रांड फाइनेंस’ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग कारोबार क्षेत्रों में सक्रिय टाटा समूह का ब्रांड मूल्य 9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 28.6 अरब डॉलर हो गया है. एक बयान के मुताबिक, टाटा समूह ऐसा पहला भारतीय ब्रांड है जो 30 अरब डॉलर का ब्रांड मूल्यांकन हासिल करने के करीब पहुंच रहा है.
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इन्फोसिस ने भी नौ प्रतिशत की वृद्धि के साथ मजबूत वृद्धि हासिल की है। वैश्विक आईटी सेवा क्षेत्र में मंदी के बावजूद इसका ब्रांड मूल्य 14.2 अरब डॉलर आंका गया है. एचडीएफसी समूह 10.4 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ तीसरे नंबर का भारतीय ब्रांड बन गया है. पिछले साल आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय के बाद एचडीएफसी को मजबूती मिली है.
बैंकों में इस बैंक ने मारी
बैंकिंग इकाइयों का ब्रांड मूल्य दहाई अंक में बढ़ा है. इनमें इंडियन बैंक, इंडसइंड बैंक और यूनियन बैंक सबसे आगे हैं. दूरसंचार क्षेत्र के ब्रांड मूल्य में सर्वाधिक 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके बाद बैंकिंग (26 प्रतिशत) और खनन, लोहा एवं इस्पात क्षेत्रों ने 16 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की है. रिपोर्ट कहती है, ‘‘जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों ने उपभोक्ता उपकरण उपयोग के तरीकों को विकसित करके वृद्धि को गति दी है.
बैंकिंग क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों और विनियामक सुधारों ने अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ब्रांड मूल्य को बढ़ाया है.’’ ब्रांड फाइनेंस ने कहा है कि टाटा समूह का आतिथ्य ब्रांड ताज सबसे बेहतर भारतीय ब्रांड के रूप में अपनी स्थिति को लगातार मजबूत कर रहा है.