आम बजट में केंद्र सरकार, कुछ सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, सरकार चालू वित्त वर्ष में ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड समेत रेल, फर्टिलाइजर और डिफेंस सेक्टर्स की चुनिंदा सरकारी कंपनियों में छोटी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, इस सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025 में इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC), नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (RCF) में स्मॉल स्टेक बेचने पर भी विचार कर रहा है. खास बात है कि इन सरकारी कंपनियों के शेयरों ने पिछले एक साल में निवेशकों का पैसा दोगुना कर दिया.
क्या है सरकार की मंशा
सरकारी अधिकारी ने कहा, “केंद्र सरकार इस बजट में OFS(ऑफर फॉर सेल) पर ध्यान केंद्रित करना जारी रख सकती है. इसके तहत स्ट्रैटेजिक सेल्स विभिन्न चरणों में होगा. कुछ OFS इस साल होंगे. इनमें IRFC OFS शामिल होगा. सरकार इस साल ओएफएस के जरिए एनएफएल और आरसीएफ में भी हिस्सेदारी बेचेगी. मझगांव डॉक में ओएफएस के लिए पिछले साल से डिफेंस मिनिस्ट्री के साथ चर्चा चल रही है. मंत्रालय को एमडीएल में ओएफएस के खिलाफ कुछ आपत्तियां हैं, जिनका समाधान निकाला जा रहा है.”
विनिवेश के मुद्दे पर बजट पूर्व बैठकें जल्द होने की संभावना है. सरकार IRFC में 11.36 प्रतिशत हिस्सेदारी कम करने का फैसला कर सकती है, जिससे सरकार को लगभग 7,600 करोड़ रुपये मिलेंगे. सरकार के पास वर्तमान में भारतीय रेलवे की वित्तपोषण शाखा में 86.36 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
इन शेयरों में मिला दोगुना से ज्यादा रिटर्न
केंद्र सरकार जिन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है, उनमें से ज्यादातर कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों का पैसा दोगुना से ज्यादा कर दिया है. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के शेयर ने एक साल में 245 फीसदी, IRFC के शेयरों ने 400 फीसदी और आरसीएफ ने 74 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.
जिसमें लिस्टेड कंपनियों के पास कम से कम 25% पब्लिक ऑनरशिप हो. मार्केट में अनुशासन और निवेशकों की बेहतर भागीदारी के लिए इन मानदंडों का अनुपालन महत्वपूर्ण है.