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मास्‍टर प्‍लान का बड़ा खेल हादसे को दावत दे रहा था T-1! 2016 में होना था डिमोलिश, 2024 तक उड़ते रहे विमान

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इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल वन की छत ढहने और इस हादसे में एक शख्‍स की जान जाने के बाद कई तरह के सवाल उठना शुरू हो गए हैं. इनमें कुछ कड़वे सवाल ऐसे भी हैं, जो बीते समय के साथ अतीत के दामन में दफन हो चुके थे. लेकिन, इस घटना के बाद वह सभी मुद्दे और सवाल एक बार फिर बाहर निकल कर आना शुरू हो गए हैं, जिसके बारे में पूछते ही तमाम एजेंसियां बगले झांकना शुरू कर देती थीं.

इन्‍हीं सवालों में एक सवाल आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल वन डी के निर्माण को लेकर भी था. दरअसल, शुक्रवार को आईजीआई एयरपोर्ट के जिस टर्मिनल के फोरकोर्ट एरिया की छत गिरी है, उसे अतीत में टर्मिनल वन-डी के नाम से जाना जाता था. आपको यह जानकार आश्‍चर्य होगा कि टर्मिनल वन-डी देश का शायद पहला ऐसा टर्मिनल होगा, जिसका निर्माण पहले हो गया और एयरपोर्ट के मास्‍टर प्‍लान में सात साल के बाद शामिल किया गया.

जी हां, यह बात सच है. 29 अक्‍टूबर 2007 को सार्वजनिक हुए दिल्‍ली एयरपोर्ट के मास्‍टर प्‍लान 2006 में टर्मिनल वन-डी का जिक्र ही नहीं था. आपको यहां यह भी बता दें कि इस मास्‍टर प्‍लान में 2006 से 2026 के बीच एयरपोर्ट पर होने वाले सभी निर्माण कार्यों का जिक्र चरणवद्ध तरीके से किया गया था. टर्मिनल वन-डी का पहला जिक्र 22 अगस्‍त 2017 को सार्वजनिक हुए मास्‍टर प्‍लान 2016 में आया, जिसमें वन-डी और वन-सी को मिलाकर इंट्रीग्रेटेड टर्मिनल बनाने की बात कही गई थी.

 दिल्‍ली एयरपोर्ट का मास्‍टर प्‍लान 2006
दिल्‍ली एयरपोर्ट से जुड़े रहे वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, मास्‍टर प्‍लान 2006 के अनुसार, डायल को 2008 तक दिल्‍ली एयरपोर्ट पर मौजूद टर्मिनल वन और टर्मिनल टू को अपग्रेट करते हुए नए रनवे 29/11 का निर्माण करना था. वहीं 2010 तक नए टर्मिनल थ्री का निर्माण करना था. प्‍लान के तहत, टर्मिनल थ्री का निर्माण पूरा होने के बाद टर्मिनल टू से इंटरनेशनल फ्लाइट और टर्मिनल वन से प्रीमियम डो‍मेस्टिक फ्लाइट को टर्मिनल थ्री में शिफ्ट किया जाना था. इसके अलावा, कुछ समय के बाद टर्मिनल वन से लो-कॉस्‍ट डोमेस्टिक फ्लाइट को भी शिफ्ट किया जाना था.

मास्‍टर प्‍लान 2016 में पूरी तहर से पलटा प्‍लान
दिल्‍ली एयरपोर्ट से जुड़े रहे वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि 22 अगस्‍त 2017 को सार्वजनिक हुए मास्‍टर प्‍लान 2016 में अब तक के पूरे प्‍लान को पूरी तरह से पलट दिया गया. टर्मिनल टू को तोड़ने और टर्मिनल फोर को बनाने का प्‍लान पूरी तरह से ड्र्रॉप हो गया. इस मास्‍टर प्‍लान में 1986 में बनकर तैयार हुए टर्मिनल टू को अपग्रेड कर टर्मिनल वन से कुछ एयरलाइंस को शिफ्ट करने की बात कही गई. वहीं 2016 में जिस टर्मिनल वन-डी को डिमोलिश कर दिया जाना था, उस टर्मिनल वन-डी को वन-सी से मिलाकर इंट्रीग्रेटेड टर्मिनल बनाने की बात होने लगी. यानी एयरपोर्ट पर नए निर्माण की जगह पुरानी बोतल में नए लेबल के प्‍लान को अपना लिया गया. ऐसे में, शुक्रवार जैसे हादसे तो सिर्फ एक बानगी हैं, आगे देखिए क्‍या क्‍या होता है.

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