भारतीय अर्थव्यवस्था अगर दुनियाभर में अपनी धाक जमा रही है तो इसकी वजह देश के 18 राज्या हैं. इन राज्यों को देश की जान कहा जाए तो कम नहीं होगा. भारत को होने वाली कुल कमाई का 90 फीसदी हिस्सा इन्हीं 18 राज्यों से आता है. अब आप खुद अंदाजा लगाएं कि देश में भले ही 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, लेकिन इसमें से 50 फीसदी राज्यों का कमाई में सहयोग सिर्फ 10 फीसदी है, जबकि शेष आधा राज्य 90 फीसदी का योगदान देते हैं. यह रिपोर्ट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने जारी किया है.
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि देश के शीर्ष 18 राज्यों का राजस्व चालू वित्त वर्ष 2024-25 में आठ से 10 प्रतिशत बढ़कर 38 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. इन 18 राज्यों का भारत के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 90 प्रतिशत योगदान है. बीते वित्त वर्ष 2023-24 में इन राज्यों के राजस्व में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
टैक्स में बढ़ेगी राज्यों की हिस्सेदारी
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा कि राजस्व वृद्धि को सबसे अधिक प्रोत्साहन समग्र राज्य जीएसटी संग्रह और बेहतर कर अनुपालन तथा अर्थव्यवस्था को अधिक संगठित रूप देने से मिलेगा. केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष में 12 से 13 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. वहीं, केंद्र से अनुदान चार से पांच प्रतिशत बढ़ेगा, जो बजट खर्च के अनुरूप है.
कितनी रहेगी विकास दर
क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. राजस्व में सतत वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को अपने राजस्व का विस्तार करने और संग्रह दक्षता में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा. हालांकि, कई रेटिंग एजेंसियों ने भारत की विकास 7 फीसदी या इससे ऊपर रहने का अनुमान लगाया है.