देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) आजकल अजीब मुसीबत से गुजर रही है. कंपनी ने कोरोनाकाल के बाद वर्क फ्रॉम होम खत्म किया और कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाने के लिए पहले तो प्रलोभन दिया और फिर सख्ती पर उतर आई. कंपनी ने अपने एम्पलॉयीज के वैरिएबल पे को उनके ऑफिस अटेंडेंस से जोड़ दिया. इसके बाद तो जैसे बवाल मच गया. कर्मचारियों का विरोध और मामला बढ़ता देख कंपनी के एचआर हेड को खुद आगे आकर कमान संभालनी पड़ी.
टीसीएस के एचआर ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ ने पूरे मामले पर लीपापोती शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि वैरिएबल पे को अटेंडेंस से जोड़ने का मकसद कर्मचारियों को सजा देना नहीं था, बल्कि कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाने को लेकर दबाव डालना था. उन्होंने कहा, कंपनी का मकसद कामकाज को बेहतर ढंग से आगे बढ़ाना है और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे.
क्या था कंपनी का फरमान
टीसीएस के एचआर हेड भले ही इस कदम को कर्मचारियों के लिए सजा नहीं बता रहे, लेकिन कंपनी की ओर से जारी फरमान देखकर तो अलग ही फीलिंग आती है. टीसीएस की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि जिन कर्मचारियों का अटेंडेंस 60 फीसदी से कम होगा, उन्हें तिमाही बोनस यानी वैरिएबल का भुगतान नहीं किया जाएगा. ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.
70 फीसदी कर्मचारी वापस लौटे
लक्कड़ ने पिछले दिनों कहा था कि अब तक कंपनी के 70 फीसदी कर्मचारी वापस ऑफिस लौट चुके हैं. उन्होंने कहा, कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाने का मकसद उन्हें एक-दूसरे से सीखने का मौका देना और आपसी संबंधों को मजबूती देना है. कंपनी ने कहा था कि उनके 40 फीसदी कर्मचारियों ने कोरोनाकाल में जॉब शुरू की थी और उन्होंने कभी ऑफिस देखा ही नहीं. वैरिएबल को अटेंडेंस से जोड़ना हमारी आखिरी कोशिश है कि कर्मचारी वापस ऑफिस लौटें.