मौजूदा समय टमाटर की कीमत 80 से 100 रुपये किलो पहुंच गयी है. किलो-दो किलो लेने वाले लोग अब आधा किलो टमाटर लेने को मजबूर हैं. आम लोगों को ऐसी स्थितियों से राहत देने के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने टमाटर की नई किस्त खोजी है, जिसे मौजूदा टमाटरों से दोगुने समय पर रखा जा सकता है और खराब नहीं होगा.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बेंगलुरु स्थिति इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टीकल्चर रिसर्च (आईआईएचआर ) ने टमाटर की नई हाईब्रिड किस्म अर्का अभेद्य की खोज की है. इस टमाटर की खासियत है कि तीन सप्ताह तक यह खराब नहीं होगा. मौजूदा टमाटरों को केवल 7 से 10 दिन तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है. इसकी दूसरी खासियत यह है कि कई रोग प्रतिरोधी क्षमता वाला है. लीफ कर्ल वायरस, बैक्टीरियल विल्ट और अर्ली ब्लाइट सहित कई बीमारियों के बचाव रहेगा. इस वजह से लंबे समय तक रखा जा सकता है.
टमाटर को खोजने वाले संस्थान आईआईएचआर के सीनियर साइंटिस्ट सी चंद्रशेखर ने बताया कि संस्थान ने हाल ही में इस किस्म को जारी किया है. यह 145 से 150 दिन की संकर फसल है. इसकी पैदावार 70 से 75 टन प्रति हेक्टेयर के करीब है. यह टमाटर अंडाकार आकार का और 90 से 100 ग्राम प्रति पीस होता है. एक्सपोर्ट करने के लिए यह बेहतर है. क्योंकि खराब होने की आशंका कम रहेगी. खरीफ और रबी दोनों फसलों के लिए उपयुक्त है.
सभी किसानों तक बीज पहुंचाने के लिए समझौता
इस टमाटर की खोज आईआईएचआर बेंगलुरु ने किया है, इसलिए वहां के आसपास के किसानों को बीज आसानी से उपलब्ध है लेकिन उत्तर भारत तक पहुंचना मुकिश्ल हो रहा था. इसी को ध्यान में रखते हुए आईआईएचआर ने हाल ही में राष्ट्रीय बीज निगम के साथ समझौता किया है, जो दूर दराज के किसानों तक पहुंचाने में मदद करेगा.