भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, वजीर-एक्स पर बड़ा साइबर हमला हुआ है. हैकर्स ने एक्सचेंज के एक वॉलेट से 23 करोड़ डॉलर (1,923 करोड़ रुपये) मूल्य के डिजिटल एसेट चुरा लिए. कंपनी ने भी इस चोरी की पुष्टि करते हुए कहा है कि मल्टीसिग वॉलेट में से एक में सुरक्षा भंग हुई है. इस साइबर हमले के पीछे उत्तर कोरिया के हैकर्स का हाथ है. कंपनी ने चोरी की पुष्टि की है और तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय रुपए और क्रिप्टोकरेंसी की निकासी पर रोक लगा दी है. चुराई गई क्रिप्टोकरेंसी में शिबु इनू ज्यादा हैं. वजीरएक्स खुद को ‘इंडिया का बिटकॉइन’ बताता है.
वजीर-एक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा “हमें पता चला है कि हमारे मल्टीसिग वॉलेट में से एक में सुरक्षा भंग हुई है. हमारी टीम घटना की जांच कर रही है. आपकी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रुपये और क्रिप्टो निकासी को अस्थायी रूप से रोक दिया जाएगा. आपके धैर्य और समझ के लिए धन्यवाद. हम आपको आगे के अपडेट के साथ सूचित करते रहेंगे.”
लिमिनल कस्टडी के सभी खाते सुरक्षित
क्रिप्टो स्टोरेज प्रोवाइडर लिमिनल कस्टडी ने कहा है कि उसके प्लेटफ़ॉर्म में सेंधमारी नहीं हुई है. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि जिस वॉलेट को निशाना बनाया गया है वह वॉलेट लिमिनल इकोसिस्टम के बाहर बनाया गया था. कपंनी ने कहा है कि लिमिनल प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध सभी वज़ीरएक्स वॉलेट सुरक्षित हैं.
भारतीय क्रिप्टो उद्योग के लिए एक बड़ा झटका
वजीरएक्स पर हुआ यह हमला भारतीय क्रिप्टो उद्योग के लिए बड़ा झटका है. इसने क्रिप्टो एक्सचेंज पर अपने फंड की सुरक्षा के बारे में उपयोगकर्ताओं के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं. CoinDCX के सह-संस्थापक नीरज खंडेलवाल ने भी इस हमले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “भले ही वज़ीरएक्स भारतीय बाज़ार में हमारा प्रतिस्पर्धी है, लेकिन मुझे इस घटना के बारे में जानकर दुख हुआ. यह भारतीय वेब3 पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अच्छी खबर नहीं है.”