क्या जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में कोई सुरंग है? रत्न भंडार के इनर चैंबर में सुरंग को लेकर सस्पेंस से बहुत जल्द पर्दा हट सकता है. जी हां, पुरी के प्रसिद्ध 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का लेजर स्कैन होगा. इसके लिए एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पूरी तरह से तैयार है. अटकलें हैं कि जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार वाले चैंबर में एक गुप्त सुरंग और कक्ष है, जिसमें कीमती आभूषण मौजूद हैं.
रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष में सीक्रेट सुरंग या सीक्रेट रूम के होने की संभावना पुरी के गजपति महाराजा दिव्य सिंह देब ने का कहना है कि एएसआई जांच के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है. बताया जा रहा है कि मंदिर प्रशासन रत्न भंडार की पूरी जांच के बाद मरम्मत के लिए रत्न भंडार के बाहरी और भीतरी दोनों कक्ष एएसआई को सौंपेगा.
सीक्रेट सुरंग से एएसआई हटाएगा पर्दा
दरअसल, कई स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर के खजाने के अंदरूनी कक्ष में एक सीक्रेट सुरंग है. इसे लेकर देब ने कहा, ‘भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) चैंबर की हालत का पता लगाने के लिए लेजर स्कैनिंग जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर सकता है. इस तरह की तकनीक से किये गए सर्वे से सुरंगों जैसी किसी भी मौजूदा संरचना के बारे में जानकारी मिल सकती है.’
7 घंटे बिताने वाली टीम ने क्या कहा?
हालांकि, निगरानी समिति के चीफ और उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बिस्वनाथ रथ का कुछ और ही कहना है. दस अन्य सदस्यों के साथ रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष में सात घंटे से अधिक समय बिताने वाले जस्टिस बिस्वनाथ रथ ने कुछ और ही रिपोर्ट दी है. उनका कहना है कि रत्न भंडार में कोई सीक्रेट सुरंग नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया, ‘हमारे इंस्पेक्शन में हमें सुरंग जैसी किसी भी फीचर का कोई प्रमाण नहीं मिला.’ उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया इन्फ्ल्युएंसर्स से इस विषय पर गलत जानकारी न फैलाने का आग्रह किया.