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टेकऑफ और लैंड‍िंग में नहीं…असल में क‍िस वजह से दुन‍िया भर के एयर‍पोर्ट में थम गईं उड़ानें, यहां जानें सब कुछ

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शुक्रवार सुबह करीब 10:45 बजे माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई दिक्‍कत की वजह से देश-दुनिया के तमाम एयरपोर्ट पर अचानक अफरा-तफरी मच गई. इस तकनीकी खराबी के चलते विभिन्‍न एयरलाइंस के चेकइन सिस्‍टम पूरी तरह से ठप्‍प होने गए. नतीजतन, ज्‍यादातर एयरपोर्ट पर माइक्रोसॉफ्ट से टेक्निकल सपोर्ट लेने वाली एयरलाइंस के विमानों की आवाजाही कुछ समय के लिए पूरी तरह से ठप्‍प हो गई. हालांकि, कुछ समय के बाद एयरलाइंस ने मैनुअल बोर्डिंग कार्ड जारी कर स्थिति को संभालने की कोशिश की.

बावजूद इसके, लगभग सभी एयरपोर्ट से विमानों के विलंब से रवाना होने का सिलसिला जारी रहा. ऐसे में, सवाल यह है कि माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर का एयरपोर्ट के चेक-इन सिस्‍टम से क्‍या कनेक्‍शन है? सर्वर में आई दिक्‍कत की वजह से एयरपोर्ट पर कौन-कौन सी सुविधाएं प्रभावित हुईं? क्‍या सर्वर में आई तकनीकी दिक्‍कत की वजह से विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ में भी कोई असर पड़ा? इसके अलावा, 45000 फीट की ऊंचाई में सफर तय कर रहे विमानों पर भी इस तकनीकी खराबी का कोई असर पड़ा है?

एयरलाइंस ऑपरेशन्‍स से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, भारत में एयर इंडिया एक्‍सप्रेस, इंडिगो, स्‍पाइस जेट, अकासा सहित अन्‍य कई एयरलाइंस के चेकइन सिस्‍टम को माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर के जरिए कंट्रोल किया जाता है. जिसका काम यात्रियों की बुकिंग डिटेल के आधार पर बोर्डिंग पास जारी करना है. इसके अलावा, बोर्डिंग गेट पर इसी सिस्‍टम के जरिए विमान में बोर्ड होने वाले यात्रियों के बोर्डिंग पास में बने क्‍यूआर कोड को स्‍कैन किया जाता है. इस सिस्‍टम का एयर नेवीगेशन सिस्‍टम से कोई लेना देना नहीं है.

उन्‍होंने बताया कि एयर नेवीगेशन और चेकइन के लिए इस्‍तेमाल होने वाला सिस्‍टम अलग अलग है. लिहाजा, एयरपोर्ट से विमानों के टेकऑफ होने या लैंडिंग होने में कोई दिक्‍कत नहीं है. वहीं, अपने गंतव्‍य के लिए टेकऑफ कर चुकी फ्लाइट्स पर भी इस तकनीकी का कोई असर नहीं पड़ा है. माइक्रोसॉफ्ट सर्वर में आई तकनीकी खराबी का असर सिर्फ और सिर्फ चेकइन सिस्‍टम और एयरक्राफ्ट बोर्डिंग तक ही सीमित है.

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