केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में बजट 2024-25 पेश करने वाली हैं. बजट को लेकर हर सेक्टर की अपनी-अपनी उम्मीदें हैं. वहीं, नौकरीपेश लोगों भी इस बजट को काफी उम्मीदों के साथ देख रहे हैं. पिछले वित्त वर्ष में देश में करीब 8.2 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था, जो इसके पिछले वित्त वर्ष से 9% अधिक था. देश में टैक्स भरने वालों में एक बड़ी संख्या नौकरीपेशा लोगों की है. ऐसे में उन्हें इस बजट से खासा उम्मीदें हैं.
एनालिस्ट्स का मानना है कि सैलरी पाने वाले लोगों के लिए बजट 2024 खास होने वाला हैं. सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव, धारा 80सी में छूट और चिकित्सा बीमा से जुड़े कई ऐलान कर सकती है. आइये जानते हैं नौकरीपेशा लोगों इस बजट में क्या घोषणाएं हो सकती हैं…
1. बढ़ सकता है स्टैंडर्ड डिडक्शन का लेवल
2018 के बजट में पहली बार स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल किया गया था. हर सैलरी का वह हिस्सा होता है जिसपर सरकार टैक्स से छूट देती है. सरकार ने उस समय 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का ऐलान किया था. बाद में 2019 के बजट में इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया था. तब से कटौती राशि में कोई बदलाव नहीं हुआ है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, उम्मीद है कि 50,000 रुपये की मौजूदा डिडक्शन लिमिट को बढ़ाकर 60,000 रुपये या संभवत: 70,000 रुपये किया जा करता है.
2. धारा 80 सी में बढ़ सकती है छूट
वेतनभोगी एक वित्तीय वर्ष में अपनी टैक्स योग्य आय को 1.5 लाख रुपये तक कम करने के लिए धारा 80 सी के तहत दिए जाने वाले छूट का उपयोग कर सकते हैं. हालांकि, मुद्रास्फीति दर बढ़ने के बावजूद इसमें 2014 से कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस तरह के संशोधन से करदाताओं को मुद्रास्फीति के प्रबंधन में मदद मिलेगी और बचत और ईएलएसएस, टैक्स सेवर एफडी और पीपीएफ जैसे आवश्यक वित्तीय साधनों में निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकेगा.
3. टैक्स में मिल सकती है राहत
मीडिया रिपोर्ट्स क मुताबिक, केंद्र आगामी बजट में टैक्स को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की योजना बना रही है. अगर आयकर छूट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाता है तो इसका मतलब यह होगा कि 8.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले व्यक्ति कोई टैक्स नहीं देना होगा.
4. NPS में हो सकता है महत्वपूर्ण बदलाव
पिछले काफी समय से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में भी बदलावों की मांग की जा रही है. NPS की धारा 80सीसीडी 1 बी के तहत अतिरिक्त आयकर कटौती सीमा बढ़ाने की मांग कई बार हो चुकी है. मैच्योरिटी पर टैक्स फ्री निकासी सीमा को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है, इसे ईपीएफ जैसी अन्य सेवानिवृत्ति बचत योजनाओं के अनुरूप लाया जा सकेगा.
टैक्स2विन के सीईओ और सह-संस्थापक अभिषेक सोनी ने एनपीएस ढांचे के भीतर योगदान सीमा में संभावित वृद्धि और बेहतर निकासी लचीलेपन की वकालत करते हुए बढ़े हुए कर लाभों का समर्थन किया है.
5. सैलरी पर अधिकतम टैक्स हो सकता है कम
सरकार आय पर नई कर व्यवस्था की घोषणा कर सकती है. सैलरी पर सबसे अधिकतम टैक्स लेवल को 30% से घटाकर 25% करने पर विचार करने की उम्मीद है. अटकलें ऐसी भी हैं कि सरकार पुरानी कर व्यवस्था के तहत उच्चतम कर दर की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर सकती है.
6. बढ़ सकता है हाउस रेंट अलाउंस
शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर कियाए का बोझ हर साल बढ़ रहा है. इसके प्रभाव को कम करने के लिए सरकार हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में छूट की दर बढ़ा सकती है. यह समायोजन कर योग्य आय को कम करेगा और किराए की संपत्तियों में रहने वाले व्यक्तियों के लिए सामर्थ्य में वृद्धि करेगा.
चिकित्सा बीमा प्रीमियम में बढ़ सकती है कटौती
हेल्थ केयर की बढ़ती लागत के कारण, 1961 के आयकर अधिनियम की धारा 80 डी के तहत चिकित्सा बीमा प्रीमियम के लिए कटौती सीमा में वृद्धि की उम्मीद है. मौजूदा समय में व्यक्तियों के लिए 25,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये की मौजूदा सीमा को बढ़ाकर व्यक्तियों के लिए 50,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 75,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है.