नीतीश कुमार की लाख कोशिशों के बाद भी केंद्र की मोदी सरकार ने भले ही बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा न दिया हो लेकिन बजट में यदि किसी राज्य को सर्वाधिक ‘शेयर’ मिला है तो वह बिहार है. बावजूद इसके बिहार विधानसभा में मंगलवार को बच्चों के झुनझुने और खिलौनों की धूम रही. विपक्षी दल ने पिछले दिन राज्य को विशेष दर्जा देने से केंद्र सरकार के इनकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. आज भी बिहार के विधायक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.
केंद्र सरकार का स्पेशल राज्य का दर्जा न देने का तर्क…
यह दिलचस्प है कि केंद्र ने बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग को खारिज करने के लिए 2012 में यूपीए सरकार की अंतर-मंत्रालयी समूह की रिपोर्ट का हवाला दिया है. सीएम नीतीश की जेडीयू 2005 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से ही विशेष दर्जे की मांग कर रही है. 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले इसने इस मुद्दे पर राज्यव्यापी रैलियां कीं.
बिहार को बजट में ऐसा क्या मिल गया है…
निर्मला सीतारमण ने बिहार को विशेष आर्थिक सहायता के पैकेज के तहत अतिरिक्त 58 हजार करोड़ रुपये से अधिक के फंड अलोकेट किए हैं. सड़कों का जाल बिछाने के लिए 26000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे और पिरपैंती पावर प्लांट के लिए 21 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे. बार बार बाढ़ से त्रस्त रहने वाले बिहार के लिए बाढ़ प्रबंधन के लिए 11 हजार 500 करोड़ की परियोजना की घोषणा की गई है. बिहार के लिए टूरिज्म पैकेज का ऐलान भी किया गया है.
उधर बिहार विधानसभा में अपने प्रदर्शनों में केंद्र पर राज्य की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया और बजट को राज्य के लोगों के लिए निराशाजनक बताया गया. इन प्रदर्शनों के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. राजद, कांग्रेस और वामपंथी विधायक नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को शर्मिंदा करने के लिए बिहार विरोधी भाजपा पर शर्म करो जैसे नारे लिखे हुए तख्तियां लेकर पहुंचे हुए थे.
सदन की कार्यवाही रोकनी भी पड़ी और दोबारा शुरू होने पर विपक्षी विधायकों के वेल में आने और टेबल पलटने की कोशिश भी हुई. करने के कारण हंगामा जारी रहा. हंगामे को हल्का करने के लिए कुछ विपक्षी सदस्यों ने झुनझुना पकड़ रखा था. राजद के भाई बीरेंद्र ने झुनझुना बजाते हुए कहा, केंद्रीय बजट जनविरोधी है. इसमें बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए कुछ भी नहीं है. बिहार को केवल झुनझुना मिला है. कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने निराशा व्यक्त करने के लिए एक खिलौना बजा दिया. खान ने कहा, बिहार को झुनझुना के अलावा कुछ नहीं मिला इसलिए हम झुनझुना बजा रहे हैं.