राजनांदगांव । जिले के समस्त शासकीय एवं गैर शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया जारी है जिसमें जिले एवं आसपास के अंचलों के छात्र-छात्राओं की भीड़ प्रवेश हेतु विभिन्न महाविद्यालयों में उमड़ रही है।
इन छात्र-छात्राओं में बड़ी संया में ऐसे विद्यार्थी है जो वर्तमान में शासकीय या प्राईवेट औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र में एक या दो वर्षीय पाठ्क्रम पूरा कर परीक्षा की तैयारी में जुटे है इनकी परीक्षा अगस्त के प्रथम सप्ताह में होना संभावित है परन्तु जब ये छात्र स्नातक स्तर पर प्रवेश हेतु विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों मेंप्रवेश प्रक्रिया से गुजरते है तब उनके पास स्थानांतरण प्रमाण पत्र न होने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
जिससे उक्त छात्र छात्राओं के मध्य रोष व्याप्त हो रहा है। विदित हो कि एनसीवीटी से मान्यता प्राप्त विभिन्न शासकीय व प्राईवेट औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र का शैक्षणिक सत्र अन्य शासकीय महाविद्यालय से अलग होने के कारण प्रतिवर्ष इनकी परीक्षायें अगस्त माह में आयोजित की जाती है जिसका परीक्षा परिणाम सितबर माह तक घोषित होता है।
उसके बाद ही आई.टी. आई से उन्हें स्थानांतरण प्रमाण पत्र दिया जाता है तब तक अन्य शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया समाप्त हो जाती है जिस कारण सैकड़ों मेधावी छात्र अपने आगे की पढ़ाई जारी रखने से वंचित रह जाते है।
तथा उनका एक वर्ष व्यर्थ ही चला जाता है कई छात्र तो आगे की पढ़ाई छोडक़र किसी अन्य व्यवसाय आदि में संलग्न हो जाते है।ज्ञातव्य हो कि विगत कुछ वर्षों से शासकीय व प्राईवेट डिग्री कालेज में भी बहुत सी सीटे रिक्त रह जाती है जिसका एक कारण यह भी हैकि छात्र प्रवेश की औपचारिकताओं को पूरा न कर पाने के कारण चाहकर भी अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाते है।
यह समस्या बहुत ही गंभीर है जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है नगर के प्रतिष्ठत औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र अशोका प्राईवेट आई.टी.आई के संचालक भूपेन्द्र चन्द्राकर ने शासकीय महाविद्यालय प्रशासन एवं उच्च शिक्षा विभाग से यह अपील की है कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुये शासकीय महाविद्यालय में प्रवेश के समय स्थानांतरण प्रमाण पत्र जमा करने की बाध्यता समाप्त की जाये तथा इस हेतु विद्यार्थियों को उचित समय प्रदान किया जावें ताकि वे अपने आई. टी. आई. परीक्षा परिणाम आने के बाद अपने संस्थान से स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त कर संबंधित शासकीय महाविद्यालय में जमा कर अपने आगे की पढ़ाई जारी रख सके।
श्री चंद्राकर ने बताया कि शासकीय एवं प्राईवेट आई.टी.आई. तथा स्नातक शासकीय महाविद्यालयों के परस्पर तालमेल से यह समस्या आसानी से सुलझ सकती है। अत: प्रदेश सरकार इस विषय में तत्काल प्रभाव से निर्णय ले ताकि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो तथा शासकीय महाविद्यालयों में शत -प्रतिशत सीटों को भरा जा सके।