5 मई को हुई नीट यूजी परीक्षा अभी भी चर्चा में है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एनटीए ने 26 जुलाई 2024 को नीट यूजी रिजल्ट फिर से जारी किया है. इसमें थोड़ा संशोधन किया गया है. नीट यूजी रिवाइज्ड रिजल्ट 415 स्टूडेंट्स के लिए काफी बुरा साबित हुआ है. नीट यूजी मेरिट लिस्ट बदलने से इन स्टूडेंट्स को मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में फेल घोषित किया गया है. इसका साफ मतलब है कि ये स्टूडेंट्स इस साल एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन नहीं ले पाएंगे.
नीट यूजी रिवाइज्ड रपहले 67 अभ्यर्थियों ने 720 अंक हासिल किए थे.
लेकिन नीट यूजी रिजल्ट दोबारा बनने पर ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या सिर्फ 17 रह गई है. इसका मतलब है कि नीट यूजी परीक्षा 2024 में कुल 17 स्टूडेंट्स ने फुल मार्क्स यानी 720 अंक हासिल किए हैं. नीट यूजी टॉपर लिस्ट 2024 में 4 और टॉप 100 में 22 बेटियां हैं.
नीट यूजी टॉपर लिस्ट क्यों बदली?
नीट यूजी परीक्षा के फिजिक्स सेक्शन में सवाल नंबर 19 विवादित था. सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली से इस पर रिपोर्ट मांगी थी. फिर आईआईटी दिल्ली के सुझाव पर सुप्रीम कोर्ट ने दो सही जवाबों में से एक को गलत मानते हुए एनटीए से नीट यूजी रिजल्ट फिर से जारी करने के लिए कहा था. जब नीट यूजी रिजल्ट रिवाइज किया गया तो टॉपर लिस्ट भी बदल गई. नीट यूजी टॉपर लिस्ट में कई ऐसे स्टूडेंट्स थे, जिन्होंने उस जवाब को सही टिक किया था, जिसे आईआईटी दिल्ली ने खारिज कर दिया.
किसी मेडिकल कॉलेज में नहीं मिलेगा दाखिला
नीट यूजी मेरिट लिस्ट 2024 में 415 स्टूडेंट्स ऐसे भी थे, जिनके लिए यह फैसला बहुत गलत साबित हुआ. दरअसल, नीट यूजी मेरिट लिस्ट 2024 बदलने से इन स्टूडेंट्स को फेल घोषित कर दिया गया. उस गलत जवाब के 5 अंक कट जाने से इनका रिजल्ट बदल गया और ये परीक्षा में फेल हो गए. इन स्टूडेंट्स को इस साल किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलेगा. सिर्फ यही नहीं, ये स्टूडेंट्स विदेशी मेडिकल कॉलेज में भी दाखिला नहीं ले पाएंगे. विदेश से MBBS करने के लिए भी नीट क्वॉलिफाई करना जरूरी है.