विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर चीन की चालाकियों को दुनिया के सामने उजागर किया है. क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान पहुंचे जयशंकर ने बताया कि भारत के चीन से संबंध कब खराब हुए. ये भी बता दिया कि हालात कब तक नहीं सुधरने वाले हैं. साथ में कहा कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को भारत स्वीकार नहीं करेगा. इस मौके पर उन्होंने अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के सामने भारत की ताकत का एहसास कराया.
जयशंकर ने कहा, हमारा अनुभव कहता है कि चीन के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे नहीं चल रहे हैं. इसकी मुख्य वजह कोरोना के दौरान 2020 में चीन की हरकते हैं. चीन ने हमारे साथ हुए समझौतों का उल्लंघन किया. सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सेनाओं की तैनाती की, जिसकी वजह से तनाव पैदा हुआ. झड़पें भी हुईं. यह मुद्दा अभी भी हल नहीं हुआ है. चीन के साथ अभी संबंध अच्छे नहीं हैं, सामान्य नहीं हैं.
चीन को ये तो करना ही होगा
विदेश मंत्री ने कहा, एक पड़ोसी के रूप में हम चीन के साथ बेहतर रिश्ते की उम्मीद करते हैं, लेकिन यह तभी हो सकता है जब वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LOC) का सम्मान करें. उन समझौतों का सम्मान करें जिन पर उन्होंने पहले हस्ताक्षर किए हैं. जब तक उनका रवैया नहीं बदलेगा, भारत के साथ संबंध नहीं सुधरने वाले.
क्वाड ही कर सकता है सुरक्षा
क्वाड देशों के विदेशमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने साफ कहा कि चार देशों का यह समूह ही हिंंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और खुला वातावरण बना सकता है. यहां की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है. जयशंकर ने कहा, दुनिया की भलाई इसी बात में है कि हम साथ रहें और मिलकर चुनौतियों का मुकाबला करें. हमारी राजनीति समझ मजबूत होनी चाहिए. आर्थिक साझेदारी बढ़नी चाहिए. तकनीकी सहयोग बढ़ना चाहिए और लोगों के बीच मेलजोल ज्यादा होना चाहिए. हमारी बैठक में स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि क्वाड यहीं रहेगा, यहीं काम करेगा और यहीं बढ़ेगा.