वायनाड. केरल के वायनाड में आधी रात को मानों कयामत ही आ गई हो. लोग अपने घरों में सो रहे थे, बाहर तेज बारिश हो रही थी. तभी मानों जमीन बहने लगा, जब तक कुछ समझ में आता तब तक देखते ही देखते सैकड़ों घर और गाड़ियां सब बह गए. इस सैलाब में सैकड़ों लोग के मलबे में दबे होने की खबर है वहीं, 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भूस्खलन से प्रभावित होने वाले जगहों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव हैं.
केरल में बड़ी भूस्खलन से आए सैलाब ने भारी तबाही मचाया है. वायनाड में दृश्य काफी भयावह हो गई है. कलपट्टा मुंडाकाई गांव के पोथकुल में नदियां मानों लाशों में बदल गईं हो. हर तरफ पानी में लोगों की लाशें तैर रहीं है. एक जगह तो 6 लोगों के शरीर के अंग बह गए हैं. अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी हैं इनमें 3 बच्चों की मौत हो चुकी हो चुकी है.
रेस्क्यू अभियान में सेना के 225 जवानों के साथ-साथ मेडिकल की टीम मौके पर तैनात है. वहीं, एनडीआरएफ और एसडीआरफ के जवान मुस्तैदी से बचाव कार्य में लगे हउए हैं. एयर फोर्स का एमआई-17 एयरक्राफ्ट भी बचाव अभियान में लगा है.
अपने शानदार टूरिस्ट व्यूज के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की आधी रात की कामत के बाद से तस्वीर ही बदल गई है. इनका संपर्क और अन्य हिस्सों से टूट गया. बाढ़ के पानी में बहीं गाड़ियां कई जगहों पर पेड़ों पर टंगी हुई और बाढ़ की पानी में ऊपर-नीचे होते हुए दिख रही हैं.
भूस्खलन के कारण इन इलाकों में नदियों ने अपना रास्ता बदल दिया है. उफनती नदियां रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे और ज्यादा विनाश हो सकता है. भूस्खलन और पहाडों से पानी के साथ पत्थर के बड़े-बड़े रोड़े गिरने की वजह से रेस्क्यू टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
भूस्खल से प्रभावित मेप्पडी के ट्री रिजॉर्ट में 150 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं. बताया जा रहा है कि लैंडस्लाइड से पहले रिजॉर्ट में लोकल लोगों को पनाह दिया गया था. रिजॉर्ट से मिले जानकारी के अनुसार, पहाड़ी का मलबा 40 घरों के ऊपर गिरा है. स्थिती अभी और भी भायावह हो सकती है.