मासिक और तिमाही आधार पर न्यूनतम बैलेंस न रखने वाले बैंक खातों पर पेनल्टी लगाने से ही सरकारी बैंकों ने पिछले पांच वर्षों में 8500 करोड़ रुपये कमा लिए हैं. यह राशि और भी ज्यादा हो सकती थी अगर भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक ने वित्त वर्ष 2020 के बाद न्यूनतम बैलेंस मैंटेन न करने वाले खातों से जुर्माना वसूलना बंद न किया होता. लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक अतारांकित प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए यह जानकारी दी. वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 203-24 के बीच पंजाब नेशनल बैंक ने सबसे ज्याद जुर्माना वसूला.
चौधरी ने बताया कि 11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बैंक और यूको बैंक न्यूनतम तिमाही औसत शेष (QAB) न बनाए रखने पर जुर्माना वसूलते हैं. वहीं, इंडियन बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया न्यूनतम औसत मासिक शेष (Average Monthly Balance -AMB) न बनाए रखने पर पेनल्टी लगाते हैं.
जुर्माना वसूलने के अलग-अलग नियम
बैंक खाते में अनिवार्य न्यूनतम बैलेंस न रखने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जुर्माना वसूलने के लिए अलग-अलग व्यवस्था है. पंजाब नेशनल बैंक की वेबसाइट के अनुसार, बचत खाताधारकों को शहरी और मेट्रो, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमश: ₹2,000, ₹1,000 और ₹500 का न्यूनतम न्यूनतम तिमाही औसत शेष बनाए रखना होगा. ऐसा न करने पर तीन क्रमश: ₹100, ₹150 और ₹250 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
इसी तरह चालू खाताधारक का खाता अगर ग्रामीण क्षेत्र के बैंक में है तो उसे न्यूनतम क्यूआईबी 1,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्र में होने पर 2000 रुपये, शहरी और मेट्रो क्षेत्र में होने पर 10,000 रुपये बनाए रखना होता है. ऐसा न करने पर भौगोलिक स्थिति के आधार पर ₹400 से ₹600 तक का जुर्माना बैंक लगाता है.
केनरा बैंक पेनल्टी
केनरा बैंक की वेबसाइट के अनुसार, बचत खाताधारक को शहरी और मेट्रो क्षेत्र में ₹2,000 का एवरेज मंथली बैलेंस बनाए रखना आवश्यक है, जबकि अर्ध शहरी क्षेत्र में यह ₹1,000 और ग्रामीण क्षेत्र में ₹500 है. तीनों भौगोलिक क्षेत्रों में अगर ग्राहक न्यूनतम बैलेंस नहीं रखता है तो GST के साथ ₹25 से ₹45 के बीच जुर्माना देना होता है. चालू खातों यानी करंट अकाउंट के लिए एएमबी क्रमशः ग्रामीण, अर्ध शहरी, शहरी और मेट्रो में ₹1,000, ₹2,000, ₹5,000 और ₹7,500 है. इसे मैंटेन न करने पर प्रति दिन ₹60 और एक महीने में अधिकतम ₹500 रुपये जुर्माना और जुर्माना राशि पर जीएसटी वसूली जा सकती है.