दृष्टि कोचिंग के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने दुर्घटनाओं में मारे गए 4 छात्रों के लिए 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. इनमें से 3 छात्रों की मौत ओल्ड राजेंद्र नगर में राव IAS के बेसमेंट में पानी भरने के हुई थी. जबकि एक छात्र की मौत करंट लगने से हुई थी. एक प्रेस विज्ञप्ति में आज विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि पिछले कुछ दिनों पहले ओल्ड राजेंद्र नगर में हुई दो दुर्घटनाओं में चार होनहार विद्यार्थियों का असमय निधन हुआ. एक विद्यार्थी नीलेश राय का निधन जलमग्न सड़क पर करेंट लगने से हुआ जबकि तीन विद्यार्थी श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन एक कोचिंग संस्थान की बेसमेंट में हुए आकस्मिक जल-भराव के शिकार हुए.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि यह समय निश्चित तौर पर चारों बच्चों के परिवारों के लिये अत्यंत कठिन है. इस अपार दुख में हम उनके साथ खड़े हैं. हम जानते हैं कि कोई भी राशि बच्चों के न रहने की पीड़ा को नहीं मिटा सकती, फिर भी इस दुख की घड़ी में अपनी साझेदारी व्यक्त करने के एक विनम्र प्रयास के रूप में, दृष्टि IAS ने चारों शोक-संतप्त परिवारों को ₹10 लाख (प्रत्येक) की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. यदि इस शोक के समय में या इसके बाद, हम किसी और प्रकार से भी शोकाकुल परिवारों की सहायता कर सके तो कृतज्ञता महसूस करेंगे.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि इसके अतिरिक्त, Rau’s IAS के सभी वर्तमान विद्यार्थियों की मदद करने के लिये भी हम तत्पर रहेंगे. हम सामान्य अध्ययन, टेस्ट सीरीज़ और वैकल्पिक विषयों की तैयारी के लिए उन्हें निशुल्क शैक्षणिक सहायता और कक्षाएँ उपलब्ध कराएंगे. जो विद्यार्थी इस सुविधा का लाभ लेना चाहें, वे सोमवार, 5 अगस्त 2024 से हमारे करोल बाग स्थित कार्यालय में मौजूद सहायता डेस्क पर संपर्क कर सकते हैं.
गौरतलब है कि ओल्ड राजेंद्र नगर के हादसे के बाद एमसीडी ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. निगम राव आईएएस कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ में पानी भर जाने से तीन लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करेगा. दिल्ली सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि नगर निगम की एक टीम ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में अवैध रूप से संचालित कई कोचिंग केंद्रों के ‘बेसमेंट’ को सील करने पहुंची. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि ‘बेसमेंट’ में अवैध रूप से संचालित प्रतिष्ठानों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.