बैंकों के द्वारा मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर जुर्माना वसूलने का मामला संसद तक पहुंच गया है. इस मामले को लेकर सरकार ने जवाब दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की ओर से कहा गया है कि पीएम जन धन अकाउंट (PM Jan Dhan Account) और बेसिक सेविंग्स अकाउंट (Basic Savings Accounts) में मिनिमम अकाउंट बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है. बैंक द्वारा केवल उन्हीं ग्राहकों पर जुर्माना लगाया जाता है जो अपने अकाउंट में अपेक्षित राशि बनाए रखने में विफल रहते हैं. बैंक अकाउंट में ग्राहकों की ओर से न्यूनतम बैलेंस न रखने के कारण 8,500 करोड़ रुपये का जुर्माना सरकारी बैंकों द्वारा बीते 5 सालों में वसूले जाने के एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने ये बात कही.
सीतारमण ने कहा कि सदन के मेंबर्स की ओर से बैंकों द्वारा मिनिमम बैलेंस न रखने पर राशि काटे जाने का सवाल उठाया गया है. यह नियम पीएम जन धन अकाउंट और बेसिक सेविंग्स अकाउंट पर लागू नहीं होता है. ये केवल उन अकाउंट्स पर लागू होता है, जिसमें ग्राहकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने अकाउंट में एक सीमा तक मिनिमम बैलेंस बनाए रखें.
इन बैकों ने मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर वसूले जुर्माना
गौरतलब है कि जिन सरकारी बैंकों द्वारा मिनिमम बैलेंस न रखने के कारण जुर्माना वसूला गया है उनमें पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बैंक, यूको बैंक, इंडियन बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का नाम शामिल है.
सरकारी बैंकों ने FY24 में वसूले 2,331 करोड़ रुपये
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले महीने लोकसभा को बताया था कि मिनिमम बैलेंस न रखने के कारण सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 24 में 2,331 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है. यह राशि पिछले साल वसूली गई रकम से 25 फीसदी ज्यादा थी. वित्त वर्ष 2023-24 में पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 633 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा 386 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक द्वारा 369 करोड़ रुपये का जुर्माना मिनिमम बैलेंस न रखने के लिए वसूला गया है.