हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) से जुड़ा कानून हिंदू के अलावा सिख, जैन, पारसी, यहूदी और बुद्ध धर्म में मान्यता रखने वालों पर लागू होता है. हिंदू अविभाजित परिवार में 4 पीढ़ियों को गिना जाता है. हिन्दू अविभाजित परिवार के 2 मुख्य अंग होते हैं और इन्हीं 2 अंगों का अंतर उपरोक्त सवाल के जवाब से जुड़ा है. एचयूएफ के 2 अंग कोपर्सनर और प्योर मेंबर हैं. कोपर्सनर वह होता है जिसका जन्म उस परिवार में होता है.
बेटी शादी के बाद भी पिता के परिवार की कोपर्सनर होती है. लेकिन वह जिस परिवार में ब्याही गई है वहां की कोपर्सनर नहीं होगी. परिवार में गोद लिया गया बच्चा भी कोपर्सनर होता है. दूसरा अंग प्योर मेंबर है. यह परिवार में विवाह के माध्यम से आए होते हैं. जैसे अगर आपके बेटे की पत्नी परिवार को प्योर मेंबर है न कि कोपर्सनर.
क्या हर कोई कर सकता है संपत्ति की मांग
टैक्स एंड इन्वेस्टमंट एक्सपर्ट बलवंत जैन द्वारा लिख गए एक लेख के अनुसार, हिंदू अविभाजित परिवार के दोनों ही अंग संपत्ति में हिस्से के हकदार हैं लेकिन संपत्ति में बंटवारे की मांग केवल कोपर्सनर ही कर सकता है. परिवार में अगर कोई विधवा है तो वह संपत्ति के बंटवारे की मांग नहीं कर सकती क्योंकि वह कोपर्सनर नहीं है. उनकी संतान बालिग होने के बाद जरूर ऐसा कर सकती है.
एचयूएफ का निर्माण
वैसे को एचयूएफ कानून द्वारा निर्धारित नियम से ही बनते हैं लेकिन एक अपवाद भी है. अगर बात पुश्तैनी संपत्ति की हो रही हो तो पति और पत्नी भी एचयूएफ का निर्माण कर सकते हैं. यानी अगर उनमें से किसी को पुश्तैनी संपत्ति मिली है तो उसके बंटवारे के लिए वह खुद की एचयूएफ बना सकते हैं.