अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रथम उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है. हालांकि, उन्हें यह भी कहा है कि देश बहुत अधिक रोजगार सृजन नहीं कर पाया है. उन्होंने कहा कि विकास की गति और बढ़ाने के लिए ह्यूमन कैपिटल में निवेश कर के मैनपावर बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने देश में जॉब बढ़ाने के कुछ सुझाव भी दिए.
उन्होंने एनडीटीवी के बात करते हुए कहा है कि केवल कुछ सेक्टर्स पर फोकस कर के बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन नहीं किया जा सकता है. उनका कहना है कि इसके लिए कुछ क्षेत्रों को लक्षित नहीं किया जाना चाहिए. बकौल गीता गोपीनाथ, व्यापार प्रतिबंधों को हटाना भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा, “सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में निवेश पहले से ही हो रहा है, और इससे निश्चित रूप से मदद मिलेगी.”
भारत में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को लेकर भी बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि सरकारी निवेश अच्छा जा रहा है लेकिन निजी निवेश को बढ़ाने की जरूरत है. गीता गोपीनाथ का मानना है कि भारत को अपना एजुकेशन सिस्टम बदलना होगा. उन्होंने कहा कि इसे ऐसा बनाना होगा जिससे श्रमबल को और स्किल्ड किया जा सके. साथ ही उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और बढ़ाने की भी बात कही.
भारत के कार्यबल की शिक्षा को अगर देखा जाए तो यह तुलनात्मक रूप से काफी कम है. उन्होंने कहा कि इसलिए जरूरी है कि देश में स्किल डेवलपमेंट पर काम किया जाए. गोपीनाथ ने एक अन्य इवेंट में कहा कि 2030 तक भारत में 14.8 करोड़ अतिरिक्त जॉब क्रिएट करने की जरूरत है.