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निवेशकों को डराने वाली है ये खबर, Bull पर भारी पड़ सकता है Bear, क्या करना चाहिए

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विदेशी निवेशकों ने अगस्त में भारतीय शेयर बाजार से हजारों करोड़ रुपये निकाल लिए. इसकी मुख्य वजहें हैं विदेशों में आर्थिक मंदी की चिंता, जापान की अर्थव्यवस्था में बदलाव और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैली अशांति और युद्ध के हालात. हालांकि, इससे पहले जून और जुलाई में इन्हीं निवेशकों ने भारत में अच्छा-खासा पैसा लगाया था. लेकिन अगस्त में स्थिति बदल गई और उन्होंने बड़ी संख्या में शेयर बेच दिए. इसका असर क्या पड़ने वाला है और भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए यह स्थिति क्या संदेश देती है, चलिए जानते हैं.

भारत में पिछले कुछ महीनों की बेहतर आर्थिक स्थिति और सरकार की विभिन्न नीतियों के चलते विदेशी निवेशक काफी उत्साहित थे. उन्होंने जून और जुलाई में खूब पैसा लगाया. लेकिन अगस्त आते-आते इनकी रणनीति बदल गई. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, करीब 21,201 करोड़ रुपये की बड़ी रकम इन्होंने भारतीय शेयर बाजार से निकाल ली.

निवेशकों के पलटने के पीछे कई कारण हैं. सबसे पहले तो विदेशों में आर्थिक मंदी की आशंका ने निवेशकों को डरा दिया है. अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ रही है और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम हो रही है. हालांकि, अमेरिका से ताजा खबरों ने आर्थिक मंदी की हवा को मंद किया है. इसके अलावा, जापान में भी अर्थव्यवस्था में बदलाव हो रहा है, जिसका असर दुनिया के बाकी हिस्सों पर भी पड़ रहा है. और सबसे महत्वपूर्ण बात, दुनिया के कई देशों में चल रहे युद्धों की वजह से भी निवेशकों की चिंता बढ़ी है.

भारत के आंतरिक कारण भी
इन सबके अलावा भारत में भी कुछ कारणों से विदेशी निवेशकों का रुख बदल गया है. एक तो कंपनियों के तिमाही नतीजे उतने अच्छे नहीं आए हैं, जितनी उम्मीद थी. दूसरे, भारतीय शेयर बाजार में वैल्यूएशन थोड़ी ज्यादा हो गई हैं, जिससे निवेशकों को लग रहा है कि अब ज्यादा मुनाफा कमाना मुश्किल हो सकता है. साथ ही, सरकार ने बजट में शेयरों पर टैक्स बढ़ा दिया था, जिससे भी विदेशी निवेशकों की उत्साह में कमी आई है.

एक दिलचस्प बात यह भी है कि विदेशी निवेशक बाजार में शेयर बेच रहे हैं, लेकिन साथ ही साथ नई कंपनियों के शेयर खरीद भी रहे हैं. इसका मतलब है कि उन्हें लगता है कि बाजार में मौजूदा शेयरों की कीमतें ज्यादा हैं, लेकिन नई कंपनियों के शेयर अभी सस्ते हैं. दूसरी तरफ, अगर हम सरकारी बॉन्ड की बात करें तो विदेशी निवेशकों ने इसमें अगस्त महीने में 9,112 करोड़ रुपये लगाए हैं. यानी शेयरों से पैसा निकालने के बाद उन्होंने इस सुरक्षित विकल्प में पैसा लगाया है.