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शेयर मार्केट से ‘लड़’ रहे बैंक, आरबीआई बैंकों से छोटे डिपॉज़िट और नवाचारी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित

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बैंकों में जमा वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ने से बैंकों के साथ ही सरकारी के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंच गई है. हालिया तिमाही रिपोर्टों से पता चलता है कि कई बैंकों में जमाओं में गिरावट आई है, क्योंकि ग्राहक बेहतर रिटर्न के लिए शेयर बाजार जैसे वैकल्पिक निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. ग्राहकों को बैंकों में पैसा जमा कराने को प्रोत्‍साहित करने को अब बैंकों ने विशेष जमा योजनाएं चलाई हैं और कुछ अन्‍य उपाय भी डिपॉजिट ग्रोथ में वृद्धि करने को किए हैं. एक ओर जहां बैंकों की डिपॉजिट ग्रोथ धीमी हो रही है, वहीं दूसरी तरफ क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आई है.

भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने वित्त वर्ष 2025 की जून तिमाही में जमाओं (डिपॉजिट) में गिरावट दर्ज की है. बैंक की जमा राशि (Deposit Amount) ₹49.16 लाख करोड़ से घटकर ₹49.01 लाख करोड़ रह गई. इसी प्रकार, बैंक ऑफ बड़ौदा की जमा राशि भी ₹13.26 लाख करोड़ से घटकर ₹13.06 लाख करोड़ हो गई. यह प्रवृत्ति अन्य बैंकों में भी देखी गई है.

CASA जमा में गिरावट का असर
बैंकों में जमाओं में गिरावट का एक प्रमुख कारण चालू और बचत खाता (CASA) जमा में आई कमी है. उदाहरण के लिए, एसबीआई की सीएएसए जमा राशि मार्च 2024 में ₹19.41 लाख करोड़ से घटकर जून तिमाही में ₹19.14 लाख करोड़ रह गई. बैंक अधिकारियों का कहना है कि जमा वृद्धि में कमी आने के कारण कुछ बैंकों को विशिष्ट श्रेणियों में जमा दरों को बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, ताकि अधिक ग्राहकों को आकर्षित किया जा सके.

क्रेडिट ग्रोथ डिपॉजिट वृद्धि से निकली आगे
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2024 तक क्रेडिट वृद्धि 15.1% रही, जबकि एक साल पहले यह 14.6% थी. इसके विपरीत, जमा वृद्धि यानी डिपॉजिट ग्रोथ 10.6% तक घट गई, जो पिछले साल 12.9% थी. यह असंतुलन बैंकिंग क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है. हालांकि एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश खारा का मानना है कि यह एक अस्थायी स्थिति है.
खारा ने मौजूदा परिस्थिति की तुलना 2007 से की, जब ऋण जमाओं से अधिक हो गया था. उनका कहना है कि बैंक इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर चुके हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि वैकल्पिक निवेश विकल्पों के बावजूद, बैंक जमाएं अभी भी बचत का मुख्य स्रोत बनी रहेंगी.

ग्राहकों को लुभाने को लाए स्‍पेशल एफडी
बैंक ग्राहकों को अपने यहां ज्‍यादा पैसा जमा कराने को प्रोत्‍साहित करने को विशेष एफडी स्‍कीम्‍स लेकर आए हैं. उदाहरण के लिए, एसबीआई ने ‘अमृत वृष्टि’ योजना शुरू की है, जिसमें 444 दिनों के लिए 7.25% ब्याज बैंक दे रहा है. इसी तरह, बैंक ऑफ बड़ौदा ने ‘मानसून धमाका’ जमा योजना लॉन्च की है, जिसमें 399 दिनों के लिए 7.25% और 333 दिनों के लिए 7.15% ब्याज दरें दी जा रही हैं.