अमेरिकी चुनाव में फिर से राष्ट्रपति पद की ताल ठोक रहे पूर्व प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप चुनावी सभा में जालनेवा हमले का शिकार हो चुके हैं. अब, उन पर एक और हमला हुआ है लेकिन यह एक अलग तरह का अटैक था. दरअसल अरबपति कारोबारी एलन मस्क सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू ले रहे थे. इस दौरान उन्हें DDOS अटैक का सामना करना पड़ा. इसके चलते यह इंटरव्यू दुनियाभर के करोड़ों यूजर्स अच्छे से देख नहीं पाए. आइये आपको बताते हैं आखिर क्या होता है DDOS अटैक, जिसकी वजह से दुनिया के शक्तिशाली और हाईटेक देश के लोगों को ऐसे हालात का सामना करना पड़ा.
क्या होता है DDOS अटैक?
cyber DDOS का मतलब होता है डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस अटैक. यह किसी टारगेटेड सर्वर या नेटवर्क पर इंटरनेट ट्रैफिक को बढ़ाकर सामान्य ट्रैफिक में रुकावट डालता है. साइबर सिक्योरिटी फर्म इसे साइबर क्राइम मानते हैं.
सिक्योरिटी फर्म फोर्टिनेट के अनुसार, ‘डीडीओएस अटैक एक साइबर अपराध है, जिसमें हमलावर सर्वर पर इंटरनेट ट्रैफिक को बढ़ा देता है, ताकि यूजर्स ऑनलाइन सर्विस और वेबसाइट की पहुंच का फायदा नहीं उठा सके.’ हैरान करने वाली बात है कि डीडीओएस अटैक कुछ घंटे या कई दिनों तक भी चल सकता है.
डीडीओएस अटैक के चलते डोनाल्ड ट्रंप का एलन मस्क के साथ इंटरव्यू तय समय से 40 मिनट से ज्यादा की देरी से शुरू हुआ. हालांकि, एलन मस्क डीडीओएस अटैक (DDoS) के दावे की पुष्टि नहीं हुई है.
‘अमेरिका को मजबूत राष्ट्रपति की जरूरत’
उधर एलन मस्क के साथ इस खास इंटरव्यू में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को एक मजबूत राष्ट्रपति की जरूरत है. उन्होंने दावा किया कि अगर बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं होते तो रूस, यूक्रेन पर हमला नहीं करता.