देश के शेयर बाजार की निगरानी करने वाली संस्था सेबी को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. 76,000 करोड़ से भी अधिक रुपये ऐसे हैं, जिन्हें वसूलना सेबी के लिए चुनौती बन गया है. ये पैसे दरअसल उन निवेशकों के हैं, जिन्होंने PACL और सहारा इंडिया जैसी कंपनियों में पैसा लगाया था. लेकिन ये कंपनियां लोगों के पैसे लेकर गायब हो गईं. अब सेबी इन पैसों को वापस दिलाने की कोशिश में जुटी है, लेकिन इसमें कई तरह की परेशानियां आ रही हैं. ऐसे में सेबी को कहना पड़ा है कि इन्हें वापस पाना लगभग असंभव है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) को मार्च 2024 तक 76,293 करोड़ रुपये की ऐसी रकम मिली है, जिसे वसूलना बेहद मुश्किल हो रहा है. ये रकम पिछले साल के मुकाबले 4% ज्यादा है. इस रकम का बड़ा हिस्सा उन मामलों से जुड़ा है, जिनकी सुनवाई अदालतों में चल रही है.
140 मामलों से संबंधित लोगों का नहीं चल पाया पता
सेबी ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि ऐसे कुल 807 मामले हैं, जिनमें से 36 मामले राज्य स्तरीय अदालतों, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) और नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में लंबित हैं. इन मामलों में फंसी रकम करीब 12,199 करोड़ रुपये है. इसके अलावा 60 मामले अदालत द्वारा नियुक्त समितियों के पास हैं, जिनमें करीब 59,970 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. यानी इन दोनों तरह के मामलों में ही कुल बकाये का 95% हिस्सा आ जाता है. साथ ही, लगभग 140 मामले ऐसे हैं, जिनमें संबंधित लोगों का पता ही नहीं चल पा रहा है. इनमें से 131 व्यक्तिगत मामले हैं और 9 कंपनियों से जुड़े हैं.