बांग्लादेश के संकट का पाकिस्तान गलत फायदा उठाने की कोशिश करता हुआ दिख रहा है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) नॉर्थ ईस्ट के आतंकी संगठनों को फिर एक्टिव करने की फिराक में है. इसके लिए वह असम मेघालय बॉर्डर का इस्तेमाल करेगा. उस जमात ए इस्लामी के पीछे पाकिस्तानी जमात का रोल बहुत बड़ा है जिसने शेख हसीना को गद्दी से हटाकर देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया था.
पाकिस्तानी जमात का बांग्लादेश में जमावड़ा लगने लगा है. यह कहना है खुफिया सूत्रों का जिन्होंने बताया कि ISI जमात के जरिए भारत में घुसपैठ की फिराक में है. बांग्लादेश की हसीना सरकार ने जमात और उसके स्टूडेंट विंग पर प्रतिबंध लगाया था और महज कुछ महीने में ही उसी जमात ने छात्रों के प्रदर्शन के बीच शेख हसीना को ना सिर्फ गद्दी से उतरने और देश छोड़ने के लिए भी मजबूर कर दिया.
सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश में पाकिस्तानी जमात ने डेरा डालना शुरू कर दिया है. बांग्लादेश के सिलहट टाउन में पाकिस्तानी जमात का मजमा जुटना शुरु हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक सिलहट टाउन के अंबरखाना इलाके में इकट्ठा होने की खबर है और बांग्लादेश से असम मेघालय बॉर्डर से घुसपैठ की फिराक में है. वह कोशिश कर रहा है कि जो भी बांग्लादेशी उन इलाकों में रहते हैं, उनका इसेतमाल कर के भारत में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश को तेज किया जा सके.
इससे पहले भी पाकिस्तान ये कोशिश करता रहा है लेकिन अब वह बांग्लादेश एक होम ग्राउंड के तौर पर पूरी तरह से इसेतमाल कर लेना चाहता है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक अब तो पाकिस्तान जमात की मदद से पूर्वोत्तर के राज्यों में दशकों से हाशिये पर पहुंच चुके उग्रवादी संगठनों पर भी नज़र है. सूत्रों के मुताबिक ISI जमात के जरिए अपने ऑल वेदर फ्रेंड चीन की मदद से इन उग्रवादियों संगठनों को हवा दे सकती है
बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ सारा खेल पाकिस्तान ने रचा?
बांग्लादेश में रिजीम चेंज के ऑपरेशन में पाकिस्तान का हाथ होने की खबरें अब पुष्ट हो रही हैं कि कैसे ISI ने इस पूरे खेल को रचा. पाकिस्तान के दो टुकड़े होने के बाद से ही वो बांग्लादेश में उस दल को निशाना बनाने के लिए लंबे समय से साज़िश रच रहा था और शेख हसीना की सरकार का पतन करा कर काफी हद तक सफल हो गया. बांग्लादेश मे प्रदर्शन छात्रों का था लेकिन कत्लेआम कोई और ही कर रहे थे
खबर है कि हिंदू और BAS यानि बांग्लादेश एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के अधिकारियों को जो कि भारत के IAS अधिकारियों के समकक्ष हैं, को जबरन इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर कर रहे हैं. उनकी जगह जमात के लोगों को स्थापित किया जा रहा है.
पाकिस्तानी ISI ने सिर्फ जमात ए इस्लामी के ही हवा देनी नहीं शुरू किया बल्कि बाकी आतंकी संगठनों के साथ भी हाथ मिला लिया था उनमें से एक है अंसरुल्लाह बंगाल टीम उर्फ अंसार अल इस्लाम. सूत्रों के मुताबिक साल 2022 में लश्कर ने भारत के पूर्वोतर के राज्यों में आतंकी घटनाओं के अंजाम देने के लिए अंसरुल्लाह बंगाल टीम के साथ हाथ मिलाया था और अपना बेस बंगलादेश में स्थापित किया था.
2022 की खुफिया रिपोर्ट में भी थीं कुछ ऐसी बातें…
सुरक्षा एजेंसियों की खुफिया रिपोर्ट ने साल 2022 में ही इस बात की आशंका जताई थी कि लश्कर ने बांग्लादेश के आंतकी संगठन से हाथ मिलाया है. लश्कर बांग्लादेश के अंसरुल्लाह बंगाल टीम नाम के आतंकी संगठन के संपर्क था और वो भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में है. कुछ साल पहले त्रिपुरा में कुछ मस्जिदों को नुक्सान पहुंचाने वाली खबर आई थी और उसी का बदला लेने के लिए लश्कर ने अंसरुल्लाह बंगाल टीम नाम के आंतकी संगठन से ये गठबंधन किया था. वह त्रिपुरा हिंदू बहुल इलाके में आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए घुसबैठ करने की फिराक में था.