र्मियों के पास आकर काम को रोकने के लिए कहना और चुप पड़ जाना कई तरह के सवाल खड़ा करने के साथ ही दोनों देशों के बीच तनाव भी पैदा कर रहा है. गौरतलब है कि यह बाड़ सीमा पर नहीं, सीमा के पास बन रही थी.
बीएसएफ के एक टॉप आफिसर ने बताया कि मवेशी बाड़ का निर्माण दोनों देशों के बीच 2012 में हुए समझौते के अनुसार किया जा रहा है. अधिकारी ने कहा, “जब हमारे कर्मी मवेशियों के लिए बाड़ के निर्माण की निगरानी कर रहे थे, तब बीजीबी के कर्मी वहां आए और उन्होंने आपत्ति जताई. यह सीमा पर बाड़ भी नहीं थी…बाड़ का निर्माण एक देश के मवेशी दूसरे देश में न घुसें, इसलिए किया जा रहा था क्योंकि अक्सर इस कारण दोनों तरफ के गांव के लोगों में विवाद हो जाता है.” जीबी और बीएसएफ बटालियन के कमांडेंट ने इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए सीमा पर फ्लैग मीटिंग की पर हल नहीं निकला और खबर लिखे जाने तक काम पूरा रुका हुआ है.
अक्टूबर में तयशुदा बैठक में उठाया जाएगा मसला लेकिन…
अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट कहती है कि यह मामला अक्टूबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में होने वाली दोनों सेनाओं के महानिदेशकों की बैठक में उठाया जाएगा. सीमा के दोनों ओर कोई हिंसा नहीं है, लेकिन दोनों सेनाओं की ओर से गश्त बढ़ा दी गई है. मगर इसी के साथ गौरतलब है कि दोनों सीमा सुरक्षा बलों के प्रमुख 4,096.7 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर मसलों पर चर्चा करने के लिए साल में दो बार मिलते हैं. इस साल 5 मार्च को पिछली बैठक बांग्लादेश में हुई थी. बीजीबी को आगामी बैठक की तारीख की पुष्टि करनी है.
7 दिन में दूसरी बार तनावपूर्ण कदम उठाया है बांग्लादेश ने…
पिछले ही हफ्ते बीजीबी ने पांच भारतीय नागरिकों को वापस करने से इनकार कर दिया जो गलती से बांग्लादेश के जल इलाके में चले गए थे. ये पांच लोग गंगा में तस्करी किए गए जानवरों को बचाने में बीएसएफ की मदद कर रहे थे मगर स्पीड बोट में खराबी के कारण धारा उन्हें बांग्लादेश की ओर ले गई. कई बार फ्लैग मीटिंग हुईं लेकिन बीजीबी ने उन्हें वापस नहीं सौंपा. बल्कि, बांग्लादेश की जेल में बंद कर दिया.
बांग्लादेश के बदलते हुए हालात, भारत चौकस
बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता और माइक्रोफाइनेंस के अग्रणी मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार चल रही है. हिंसा और आगजनी के दौर के बीच कई लोगों, खासकर हसीना की अवामी लीग के समर्थकों या सदस्यों ने भारत में घुसने की कोशिश की है, जिससे बीएसएफ को अपनी चौकसी बढ़ानी ही पड़ी है. वैसे तो बीजीबी ने अवैध घुसपैठ और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से जुड़े मामलों पर अच्छी प्रतिक्रिया दी है मगर कई मसलों पर चीजें बदलती हुई दिखी हैं खासतौर से पूर्वी सीमा पर.