कैबिनेट मीटिंग के बाद आज एयरलाइन कंपनी विस्तारा के एयर इंडिया में विलय की मंजूरी मिल सकती है. बता दें कि शनिवार को कैबिनेट सिंगापुर एयरलाइन्स द्वारा एयर इंडिया (Air India) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दे सकता है. सिंगापुर एयरलाइन्स विस्तारा में 49% की हिस्सेदारी रखती है. विलय के बाद बनने वाली एयरलाइन में 2,059 करोड़ रुपये का निवेश करके यह 25.1% हिस्सेदारी हासिल करेगी, जबकि टाटा के पास 74.9% हिस्सेदारी रहेगी.
सरकार की एफडीआई मंजूरी के बाद, एआई-विस्तारा जल्द ही यात्रियों को विलय की समयसीमा के बारे में सूचित करेगी. जिन लोगों ने विलय की तारीख के बाद विस्तारा की उड़ानों में टिकट बुक किए हैं, उन्हें सूचित किया जाएगा कि उनकी उड़ान अब एयर इंडिया की होगी, साथ ही एआई की बदली हुई उड़ान संख्या और उसका समय भी बताया जाएगा.
विलय से यात्रियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव
सूत्रों का कहना है कि विलय की तारीख दिवाली (1 नवंबर) के बाद होने की संभावना है क्योंकि एयरलाइन पीक फेस्टिव ट्रैवल सीजन के दौरान कोई भी जोखिम लेने से बचना चाहती है. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दिवाली के बाद और ठंड की शुरुआत के बीच एक अच्छा समय होगा जो आमतौर पर 20 दिसंबर के बाद होता है जिससे उड़ानों में बाधा आती है. आदर्श रूप से विलय उस समय होना चाहिए ताकि विलय की किसी भी शुरुआती समस्या को सुलझाया जा सके जैसे कि विस्तारा का टिकट खरीद चुके यात्रियों को उनके बदले एयर इंडिया फ्लाइट के टिकट जारी किये जाएंगे. विस्तारा के यात्रियों को यात्रा की नई नियमावली के बारे में जल्द ही सूचित किया जाएगा.
बिना रुके उड़ते रहेंगे विस्तारा के विमान
विस्तारा के पास 70 विमान हैं जो फिलहाल एयरलाइन के लिए उड़ान भरते रहेंगे. विलय के बाद इन विमानों को एआई में बदल दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, केवल पेंटिंग के उद्देश्य से विमान को बाहर निकालना और क्षमता को नुकसान पहुंचाना कोई समझदारी नहीं है. साथ ही विस्तारा के विमानों में एआई के पुराने विमानों की तुलना में बेहतर केबिन है.”
विस्तारा ने पहले यात्रियों से संपर्क कर उन्हें फ्रीक्वेंट फ्लायर माइल्स को एयर इंडिया के लॉयल्टी प्रोग्राम में ट्रांसफर करने की जानकारी दी थी. कर्मचारियों की आवाजाही पहले ही शुरू हो चुकी है, विस्तारा के कई कर्मचारी अब एयर इंडिया के नए गुड़गांव मुख्यालय से काम कर रहे हैं.