कोलकाता के आरजी कर कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर केस के दोषी नहीं बचेंगे. सीबीआई एक-एक सबूत इकट्ठा कर रही है. कोलकाता पुलिस की एसआईटी जो मर्डर और रेप की जांच कर रही थी, वह सीबीआई दफ्तर पहुंची. अधिकारी 5 गाड़ियों में सबूत लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंचे. इनमें दोषियों के एक-एक कारनामों का काला चिट्ठा है. उधर, मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट पूरा हो गया. उसका सच से सामना कराया गया है. सूत्रों के मुताबिक, उससे 25 सवाल पूछे गए हैं. उसने कई सवालों के जवाब दिए हैं, जो गुनहगारों को दबोचने में काफी काम आने वाले हैं. इससे पहले आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंंसिपल से 20 सवाल पूछे गए. कोलकाता में 15 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है.
संजय रॉय का रविवार दोपहर करीब 12:40 बजे अलीपुर प्रेसीडेंसी जेल में पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू हुआ. करीब तीन घंटे तक उसका सच से सामना हुआ. इसी टेस्ट से पता चल सकेगा कि इस घटना में कोई और शामिल है या नहीं. सीबीआई की टीम संजय रॉय के साइकोलॉजिकल टेस्ट की रिपोर्ट से आज हुए पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट का मिलान करेगी. इससे पता लगाया जाएगा कि इन दोनों टेस्ट में आरोपी ने सीबीआई के सवालों में कितना सच कहा. उधर, कोलकाता पुलिस की एसआईटी 5 गाड़ियों में सबूत लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंची. इसमें गुनहगारों की कुंडली है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज का स्टाफ भी कुछ डॉक्यूमेंट्र लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंचा है. कुछ रजिस्टर हैं, जिन पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज लिखा है. इसमें काफी कुछ हो सकता है.
डॉ. संदीप घोष पर गिरफ्तारी की तलवार
उधर, सीबीआई की एंटी करप्शन टीम आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है. सुबह 8 बजे से छानबीन की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, अब तक को सबूत मिले हैं, उसके आधार पर डॉ. संदीप घोष पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. वही, कोलकाता के अन्य 14 ठिकानों पर भी सीबीआई सर्च ऑपरेशन जारी है. संदीप घोष के कुछ करीबियों, अस्पताल के अन्य अधिकारियों और एडमिन ब्लॉक में सीबीआई छापेमारी कर रही है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जांच हो-बीजेपी
सीबीआई मुख्यालय में रविवार को भी दो किरदारों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया. अब तक चार लोगों का टेस्ट किया जा चुका है. इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा, नार्को एनालिसिस करना है तो करिये लेकिन सच बाहर आना चाहिए. स्टिंग में बात सामने आई है, हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश की गई. ये शर्मसार करने वाला है. स्वास्थ्य मंत्री, सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ जांच होनी चाहिए. किसने तय किया कि हत्या को आत्महत्या बताया जाए. सरकार छात्रों के आंदोलन से डरी हुई है.