क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल अगर आपने समझदारी से किया तो यह बहुत फायदेमंद होता है. 45-50 दिन के इंटरेस्ट फ्री पीरियड के अलावा कैशबैक और डिस्काउंट भी मिल जाता है. अगर आपने इसका इस्तेमाल समझदारी से नहीं किया तो यह आपको कर्ज के जाल में फंसा सकता है. कई बार हम जरूरत से ज्यादा खर्च कर देते हैं और कार्ड का बिल चुकाने के लिए हमारे पास पैसे नहीं होते. अगर आप क्रेडिट कार्ड का ड्यूज (Credit Card Dues) समय से नहीं चुकाएंगे, तो तकरीबन 40 फीसदी के हिसाब से सालाना चार्ज देना होता है. ये सिलसिला तब तक चलेगा जब तक आप पूरा हिसाब नहीं चुका देते.
अगर आप भी ऐसी स्थिति में फंस गए हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसी स्थिति में फंसने पर क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा से आपको सहायता मिल सकती है. इस फीचर में आप एक कार्ड के आउस्टैंडिंग बैलेंस को दूसरे कार्ड पर ट्रांसफर कर सकते हैं. हालांकि, इस सुविधा पर भी ब्याज भी लगता है लेकिन यह क्रेडिट कार्ड फाइनेंस चार्ज के मुकाबले कम होता है.
क्या होती है बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा
एक कार्ड से दूसरे कार्ड में बैलेंस ट्रांसफर कर बिल पेमेंट किया जाता है. कई बैंक इस तरह की सुविधा मुहैया कराते हैं. किसी एक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके दूसरे बैंक के क्रेडिट कार्ड के बिल का पेमेंट कर सकते हैं. हालांकि बैलेंस ट्रांसफर से पहले नई क्रेडिट कार्ड कंपनी या बैंक के चार्ज को पता कर लेना चाहिए.
कई कार्ड्स के बैलेंस को एक कार्ड पर भी ट्रांसफर संभव
बैलेंस ट्रांसफर पर बहुत कम या कोई ब्याज नहीं चुकाने का भी मौका मिल सकता है. आमतौर पर बैंक 3 से 12 महीने का इंट्रोडक्टरी ऑफर देते हैं. कार्ड की लिमिट अच्छी होने पर आप कई कार्ड्स के बैलेंस को एक कार्ड पर भी ट्रांसफर कर सकते हैं.