संयुक्त राष्ट्र की एविएशन रेगुलेटर इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन यानी आईसीएओ (ICAO) ने भारत की एविएशन सुरक्षा तैयारियों का ऑडिट शुरू किया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऑडिट के नतीजे इंडिगो (IndiGo) और एअर इंडिया (Air India) जैसी भारतीय एयरलाइनों की अंतरराष्ट्रीय विस्तार योजनाओं पर असर डाल सकते हैं.
मंगलवार (27 अगस्त) से शुरू हुए ऑडिट के तहत, 10 देशों के एक दर्जन आईसीएओ ऑडिटर 9 दिनों तक इंस्पेक्शन करेंगे. वे दिल्ली और कोलकाता एयरपोर्ट पर ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी यानी बीसीएएस (BCAS) की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. आईसीएओ ने आखिरी बार 2018 में भारत के सिक्योरिटी मैकेनिज्म का ऑडिट किया था.
ईटी को इस मामले से जुड़े शख्स ने कहा कि ऑडिट 9 एरिया पर केंद्रित होगा, जहां आईसीएओ की टीम भारत के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, सुरक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण, क्वालिटी कंट्रोल, एयरपोर्ट ऑपरेशंस, फ्लाइट में सुरक्षा, सामान की सुरक्षा, कार्गो हैंडलिंग प्रोसेस और अवैध हस्तक्षेप की रिस्पॉन्स का मूल्यांकन करेगी. शख्स ने बताया, ”ऑडिट इस बात की जांच करेगा कि बीसीएएस द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर भारतीय संस्थाओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित मानदंडों का पालन कैसे किया जा रहा है. हमने ऑडिट के लिए अच्छी तैयारी की है और ग्लोबल नॉर्म की तुलना में किसी बड़े अंतर की उम्मीद नहीं है.”
रेगुलेटर्स को एक ऑटोनॉमस बॉडी बनाना अनिवार्य
2018 में ऑडिट के दौरान आईसीएओ ने बीसीएएस की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए थे. संयुक्त राष्ट्र के नियम देशों के लिए विमानन सुरक्षा और सुरक्षा रेगुलेटर्स को एक ऑटोनॉमस बॉडी बनाना अनिवार्य बनाते हैं. भारत में बीसीएएस और डीजीसीए (DGCA) ऑटोनॉमस बॉडी नहीं हैं. इन्हें संसद के एक्ट द्वारा नहीं, बल्कि एयरक्राफ्ट नियमों के तहत बनाया गया है.
रेगुलेटरी बॉडी को मिली जुर्माना लगाने की शक्ति
भारत ने 2020 में इन रेगुलेटरी संस्थाओं को वैधानिक दर्जा देने वाला एक बिल पारित किया, जिसने उन्हें उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाने की शक्ति दी. बीसीएएस ने विभिन्न पदों पर भर्ती की और अप्रैल से 2 ज्वाइंट डायरेक्टर सहित वरिष्ठ पदों पर भर्ती की. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि बीसीएएस साइबर सुरक्षा जैसे नए खतरे वाले क्षेत्रों में अनुभव रखने वाले अधिकारियों की भर्ती भी करेगा.
दुनिया का तीसरा बड़ा घरेलू एयरलाइन मार्केट है भारत
भारत एविएशन में बड़ी उछाल का अनुभव कर रहा है. हाल ही में यह अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू एयरलाइन मार्केट बन गया.
हाल के सालों में भारतीय विमानन में कोई बड़ी सुरक्षा समस्या नहीं
पिछले कुछ सालों में भारतीय एविएशन में कोई बड़ी सुरक्षा समस्या नहीं रही है. हालांकि, ऐसी घटनाएं हुई हैं, जैसे पिछले साल जनवरी में जब बेंगलुरु से दिल्ली जाने वाली गो फर्स्ट फ्लाइट में 55 यात्री पीछे रह गए थे, जबकि उनका लगेज बोर्ड पर था. इस साल की शुरुआत में एक वीडियो में इंडिगो की एक फ्लाइट के यात्रियों को मुंबई एयरपोर्ट के टरमैक पर खाना खाते हुए दिखाया गया था, क्योंकि उनकी फ्लाइट कोहरे के कारण देरी से चल रही थी. घटना के सामने आने के बाद बीसीएएस ने एयरपोर्ट ऑपरेटर पर 1.2 करोड़ रुपये और इंडिगो पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
इम्प्लीमेंटेशन स्कोर में इजाफा
आईसीएओ ने 2022 में सुरक्षा ऑडिट के बाद भारत की विमानन सुरक्षा तत्परता को अपग्रेड किया था. उस सुरक्षा ऑडिट के बाद भारत का प्रभावी इम्प्लीमेंटेशन स्कोर 2018 के सुरक्षा ऑडिट के बाद 72.93 फीसदी से बढ़कर 85.49 फीसदी हो गया, जिससे देश के कई अन्य सदस्यों जैसे चीन, पोलैंड और डेनमार्क से ऊपर हो गया.