भारत की महिला पैरा निशानेबाज रूबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालंपिक 2024 खेलों के तीसरे दिन भारत को पांचवां मेडल दिलाया. रूबीना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1) फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया. पैरालंपिक के इतिहास में भारत को पहली बार पिस्टल शूटिंग में मेडल मिला है. रूबीना ने फाइनल में 211.1 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा.
रूबिना फ्रांसिस (Rubina Francis) ने सातवें स्थान पर रहकर महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1) फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था. 25 वर्षीय रूबिना क्वालीफिकेशन दौर के ज्यादातर हिस्से में शीर्ष आठ निशानेबाजों से पिछड़ रही थीं लेकिन उन्होंने अंत में तेजी दिखाई और पदक दौड़ में पहुंची. मध्यप्रदेश की यह निशानेबाज तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक के क्वालीफाइंग दौर में भी सातवें स्थान पर रही थीं और फिर फाइनल में भी सातवें स्थान पर रही थीं.
रूबिना ने 556 के स्कोर के साथ फाइनल में जगह बनाई थी
रूबिना ने क्वालीफिकेशन दौर में 556 के स्कोर से आठ निशानेबाजों के फाइनल में प्रवेश किया. वहीं इससे पहले अपने दूसरे पैरालंपिक में हिस्सा ले रहे स्वरूप उन्हाल्कर पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग (एसएच1) के क्वालीफिकेशन दौर में निराशाजनक 14वें स्थान पर रहे और आठ खिलाड़ियों के फाइनल में जगह बनाने में विफल रहे. तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में 38 वर्षीय स्वरूप कांस्य पदक से चूक गये थे. शनिवार को भी वह 18 निशानेबाजों में 613.4 अंक ही बना सके.
एसएच1 वर्ग कौन से पैरा निशानेबाज हिस्सा लेते हैं?
एसएच1 वर्ग में वो पैरा निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जो बिना किसी परेशानी के पिस्टल संभालते हुए व्हीलचेयर या चेयर पर बैठकर या खड़े होकर निशाना लगा सकते हैं.