छह महीने पहले झारखंड के रांची निवासी 26 वर्षीय कुणाल किशोर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मकान किराए पर लेने के दौरान धोखाधड़ी का शिकार हो गए थे. उन्होंने बताया, “एक व्यक्ति ने खुद को भारतीय सेना का अधिकारी बताकर झूठे आईडी कार्ड और दस्तावेजों के साथ मुझे ₹61,000 का चूना लगाया. उसने मेरे फोन नंबर के जरिए एक QR कोड भेजा और मेरे खाते में ₹1 ट्रांसफर किया, ताकि मुझे विश्वास हो जाए. इसके बाद, मेरे खाते से मेरी मेहनत की कमाई की रकम निकाल ली गई. अब मैं पुलिस द्वारा इस मामले को निपटाने का इंतजार कर रहा हूं.” यह कोई पहला मामला नहीं जब इस तरह का फ्रॉड किसी के साथ हुआ है.
संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) ने भारत में टेलीकम्युनिकेशन फ्रॉड के मामलों में तेज वृद्धि की रिपोर्ट दी है. विभाग ने रिपोर्ट में कहा है कि देश भर में टेलीकम्युनिकेशन फ्रॉड के 93,081 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें बैंकों के खाते, भुगतान वॉलेट, सिम कार्ड, गैस या बिजली कनेक्शन, KYC अपडेट, सरकार के अधिकारी या रिश्तेदार की नकल, सेक्सटॉर्शन, और अन्य प्रकार की धोखाधड़ी शामिल है. विभाग के अनुसार, फ्रॉड के संबंध सबसे ज्यादा 10,392 शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं.
क्या हुई कार्रवाई
अब तक 89,970 रिपोर्ट किए गए मामलों में से करीब 87000 मामलों को हल कर लिया गया है. कुल 2,776 मोबाइल हैंडसेट, 997 हैडर, और 5,988 व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है. आंध्र प्रदेश राज्य ने 13,380 मामलों के साथ सबसे अधिक मामलों को हल किया है.
हर दिन 12 फेक कॉल
साइबर सुरक्षा फर्म मैकएफी ने 2023 में अपनी पहली ‘ग्लोबल स्कैम मैसेज स्टडी’ में कहा था कि भारतीय हर हफ्ते औसतन करीब 1.5 घंटे धोखाधड़ी वाले संदेशों की पहचान में बिताते हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि वे हर दिन 12 स्कैम या फेक संदेश प्राप्त करते हैं. मैकएफी ने रिपोर्ट किया कि 82 प्रतिशत भारतीयों को फेक संदेशों से धोखा मिला है, जिसमें 64 प्रतिशत फेक जॉब नोटिफिकेशन/ऑफर्स और 52 प्रतिशत बैंक अलर्ट मेसेज सबसे प्रचलित प्रकार के स्कैम हैं.