रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग रुकवाने के लिए दुनियाभर के देश भारत की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पीएम मोदी का संदेश देने मास्को जाने वाले हैं. वैसे इस दौरान लोग एक और जंग से जूझ रहे हैं और इसे भी खत्म करवाने के लिए भारत की मध्यस्थता की मांग उठती रही है. इस बीच रियाद में हुई जीसीसी की बैठक में भारत ने इस जंग को लेकर साफ संदेश दिया.
गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच पिछले 11 महीनों से जंग जारी है. पिछले साल 7 अक्टूबर को गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 250 लोगों का अपहरण कर लिया गया. इसके बाद इजराइल ने गाजा पर हमला कर दिया, जिससे भारी तबाही हुई. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पिछले 11 महीनों से जारी इस लड़ाई में लगभग 40,000 लोग मारे गए हैं.
इजराइल-हमास जंग पर क्या बोला भारत?
इसे लेकर जयशंकर ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ बैठक में कहा, ‘गाजा के मौजूदा हालात अब हमारी सबसे बड़ी चिंता है. इस संबंध में भारत का रुख सैद्धांतिक और एक समान रहा है. हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष नागरिकों की लगातार हो रही मौतों से हमें गहरा दुख है.’ जयशंकर ने कहा कि किसी भी कार्रवाई में मानवीय कानून के सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम जल्द से जल्द जंग रोकने का समर्थन करते हैं.’
जयशंकर ने इसके साथ ही कहा कि भारत लगातार दो-राष्ट्र समाधान के जरिये फिलिस्तीन के मसले के समाधान के लिए खड़ा है. उन्होंने कहा कि भारत ने फलस्तीनी संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण में भी योगदान दिया है. विदेश मंत्री ने कहा, ‘जहां तक मानवीय स्थिति का सवाल है, हमने राहत प्रदान की है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को अपना सहयोग बढ़ाया है.’
क्या है जीसीसी?
जीसीसी एक प्रभावशाली समूह है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, बहरीन, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में जीसीसी देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 184.46 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गाजा में मौजूदा स्थिति को भारत की ‘सबसे बड़ी चिंता’ बताया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में ‘जल्द से जल्द’ जंग खत्म कराने का समर्थन करता है.