जम्मू कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं. जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े कथित घोटाले के मामले में नए आरोपों के तहत केस चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने श्रीनगर की PMLA कोर्ट में पिछ्ले हफ्ते एक याचिका दायर की. ED का यह कदम जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें फारूक अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पीएमएलए की कार्यवाही रद्द कर दी गई थी. हालांकि, कोर्ट ने ईडी को कुछ धाराओं के तहत ताजा आवेदन दायर करने की अनुमति दी थी.
ईडी ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और 424 (बेईमानी या धोखाधड़ी से संपत्ति हटाना या छिपाना) के तहत ताजा आरोप लगाए हैं. दरअसल, ईडी का ये केस सीबीआई की द्वारा 2018 में दर्ज एफआईआर के आधार पर किया गया था. सीबीआई ने राज्य क्रिकेट संघ के तत्कालीन अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सहित जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल कर दी थी.
43 करोड़ की हेराफेरी का आरोप
सीबीआई को अपनी जांच में पता चला था कि बीसीसीआई ने 2002-11 के बीच क्रिकेट विकास के लिए जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन को लगभग 112 करोड़ रुपये दिए थे. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई जांच से पता चला कि लगभग 43.69 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई. सीबीआई की उसी एफआईआर पर ईडी ने केस दर्ज किया था, जिसमें ईडी ने फारूक अब्दुल्ला और अन्य को पीएमएलए मामले में आरोपी बनाया था, लेकिन जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट ने पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने पर 14 अगस्त को रोक लगा दी थी, जिसके खिलाफ पिछले हफ्ते ईडी ने जम्मू-कश्मीर कोर्ट में ताजा आवेदन दिया है, जिसमें धारा 411 और 424 के तहत केस चलाने की अनुमति मांगी है.