अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने एक बार फिर अडानी ग्रुप (Adani Group) पर निशाना साधा है. दरअसल, अमेरिकी शॉर्ट-सेलर ने गुरुवार (12 सितंबर) को दावा किया कि स्विस ऑथॉरिटीज ने अडानी ग्रुप की मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी जांच के तहत कई बैंक अकाउंट्स में जमा 31 करोड़ डॉलर (करीब 2600 करोड़ रुपये) से ज्यादा की रकम फ्रीज कर दी है. वहीं, आरोपों के बाद अडानी ग्रुप ने पलटवार किया है.
अडानी ग्रुप की ओर से एक स्टेटमेंट जारी कर सफाई दी गई है और इस तरह के आरोपों को निराधार करार दिया गया है. बयान में कहा गया है, ”अडानी ग्रुप का स्विस कोर्ट की किसी भी कार्यवाही से कोई संबंध नहीं है. न ही हमारी कंपनी के किसी भी अकाउंट को किसी ऑथॉरिटी की ओर से जब्त किया गया है. इसके अलावा, स्विस कोर्ट ने न तो हमारी ग्रुप कंपनियों का उल्लेख किया है और न ही हमें ऐसे किसी ऑथॉरिटी या रेगुलेटरी बॉडी से सफाई या जानकारी के लिए कोई अनुरोध प्राप्त हुआ है. हम दोहराते हैं कि हमारी ओवरसीज होल्डिंग स्ट्रक्चर पारदर्शी और सभी प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप है.”
स्विस मीडिया रिपोर्ट के हवाले से अडानी ग्रुप पर साधा निशाना
हिंडनबर्ग ने स्विस मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बड़ा दावा किया है. स्विस इन्वेस्टिगेटिव न्यूज वेबसाइट गोथम सिटी के मुताबिक, स्विस ऑथॉरिटीज ने अडानी ग्रुप से कथित रूप से जुड़ी संस्थाओं में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कई स्विस बैंक अकाउंट्स में जमा 31 करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम फ्रीज कर दी है. यह जांच 2021 से चल रही है. स्विस क्रिमिनल कोर्ट के रिकॉर्ड्स के मुताबिक, प्रॉसिक्यूटर्स ने बताया है कि कैसे अडानी के एक फ्रंटमैन (सहयोगी) ने बीवीआई/मॉरीशस और बरमूडा के संदिग्ध फंडों में निवेश किया था. इन फंडों का ज्यादातर पैसा अडानी के शेयरों में लगा था. हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक्स पर रिपोर्ट का लिंक पोस्ट किया है.
जनवरी 2023 में भी अडानी ग्रुप को लेकर किया था खुलासा
गौरतलब है कि हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी, 2023 को ‘अडानी ग्रुप: हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉरपोरेट हिस्ट्री’ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट कदाचार और शेयर-कीमत में हेरफेर का आरोप लगाया गया था.