सत्तारूढ़ भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) दिल्ली में अपने “मूल पते” पर वापस आ रहा है, जिसे प्रसिद्ध झंडेवालान मंदिर के पास केशव कुंज के नाम से जाना जाता है. सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत 17 सितंबर की रात को इस भव्य नए भवन में प्रवेश करेंगे, जो संयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है. पिछले कुछ सालों से भागवत को जब भी राष्ट्रीय राजधानी में रहना पड़ता था, तो उन्हें उदासीन आश्रम की दूसरी मंजिल पर रहना पड़ता था. लेकिन 17 सितंबर को वे 12 मंजिला आरएसएस कार्यालय में प्रवेश करेंगे.
पिछले कुछ दिनों से शिफ्टिंग का काम चल रहा है जो गुरुवार को पूरा हो जाएगा. बिल्डिंग की सुरक्षा करने वाली CISF ने भी मॉक ड्रिल की है. बिल्डिंग में तीन टावर हैं, जिनमें से प्रत्येक 12 मंजिला है. लेकिन न्यूज18 को पता चला है कि सरसंघचालक का आवास और कार्यालय बीच वाले टावर की सबसे ऊपरी मंजिल पर है. सबसे ऊपर की मंजिल को छोड़कर बाकी तीन मंजिलें, जो RSS प्रमुख के लिए है, संगठन के सबसे वरिष्ठ पदाधिकारियों जैसे सरकार्यवाह (कार्यकारी प्रमुख), सहसरकार्यवाह (सह-कार्यकारी प्रमुख) के लिए रखी गई हैं.
200 कारों के लिए पर्याप्त पार्किंग की जगह
RSS के मुखपत्र माने जाने वाले पंचजन्य और ऑर्गनाइजर भी यहीं शिफ्ट होंगे और पहले टावर से काम करेंगे. दिल्ली RSS कार्यालय भी तीसरे टावर से इसी पते पर काम करेगा. पहले और दूसरे टावर में पांच-पांच लिफ्ट होंगी, जबकि तीसरे टावर में कम लिफ्ट होंगी. कार्यालय 2.5 एकड़ जमीन पर बनाया गया है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि एक ही समय में 200 कारों के लिए पर्याप्त पार्किंग की जगह है. प्रत्येक टावर में कम से कम 80 कमरे होंगे. सूत्रों का कहना है कि 20 बिस्तरों वाला एक छोटा अस्पताल भी इस नए आलीशान कार्यालय का हिस्सा है, क्योंकि इसके कई सदस्य वरिष्ठ नागरिक हैं.
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा के लिहाज से हर मोड़ पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं. नए कार्यालय में तीन प्रवेश द्वार हैं, जिन पर CISF के जवान तैनात रहेंगे. वास्तव में, एक चौथा कोना भी है, जिस पर भी सुरक्षा के लिहाज से CISF के जवान तैनात रहेंगे. सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा जोखिमों के कारण इमारत के बाहर से फोटोग्राफी प्रतिबंधित रहेगी. परिसर में पहले RSS प्रमुख डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की एक मूर्ति स्थापित है. उनके अलावा, एमएस गोलवलकर से लेकर मोहन भागवत तक लगभग हर RSS प्रमुख केशव कुंज में रहे. लेकिन बदलते समय के साथ, RSS ने न केवल समलैंगिक अधिकारों की स्वीकृति जैसी अपनी मान्यताओं को आधुनिक बनाया है, बल्कि अपने कार्यालय को भी आधुनिक बनाया है.