अमेरिका में इसी साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. मैदान में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने मौजूदा वक्त में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की चुनौती है. उधर, भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर इस वक्त इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसे हुए हैं. इलेक्शन तक उनकी पृथ्वी पर वापसी संभव नहीं है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि वो इन चुनावों में वोट कैसे डालेंगी. शनिवार को सुनीता विलियम्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में वोट डालने के लिए अपनी उत्सुकता व्यक्त की.
दोनों एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर फंसे हुए हैं. चाह कर भी अगले साल से पहले उन्हें वापस पृथ्वी पर नहीं लाया जा सकता. दोनों ने अंतरिक्ष में होने के बावजूद अपने नागरिक कर्तव्य को पूरा करने के महत्व पर जोर दिया. विलियम्स ने बताया कि उन्होंने पहले ही मतपत्रों के लिए अपने अनुरोध भेज दिए हैं. उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष से मतदान करने के लिए हम उत्सुक हैं.” विलमोर ने ‘अमेरिकी नागरिक’ के रूप में अपनी जिम्मेदारी पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ‘नासा हमारे लिए ऐसा करना बहुत आसान बनाता है.’
कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप
5 नवंबर को होने वाले 2024 के अमेरिकी चुनावों में डेमोक्रेट कमला हैरिस और रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मुकाबला होगा. विलियम्स और विल्मोर 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर पर सवार होकर अंतरिक्ष यान के पहले चालक दल मिशन के हिस्से के रूप में रवाना हुए थे. मिशन मूल रूप से आठ दिन के लिए था. हालांकि उनका प्रवास अब स्टारलाइनर में आई तकनीकी समस्याओं के कारण आठ महीने तक बढ़ गया, जो हाल ही में उनके बिना पृथ्वी पर वापस लौट आया.
स्पेस स्टेशन में रहना मुश्किल नहीं
अंतरिक्ष में फंसे होने पर टिप्पणी करते हुए, विलियम्स ने एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “इस काम में चीजें ऐसे ही होती हैं.” उन्होंने कहा कि स्पेस स्टेशन जीवन में बदलाव ‘इतना कठिन नहीं था’ क्योंकि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस पर रहने का पहले से अनुभव था. अपने मिशन अवधि बढ़ जाने के बारे में विलियम्स ने कहा, “यह मेरे लिए खुशी की जगह है. मुझे अंतरिक्ष में रहना बहुत पसंद है.” दोनों अंतरिक्ष यात्री अपनी वापसी को लेकर आशावादी बने हुए हैं. अपने वैज्ञानिक प्रयासों को जारी रखते हुए अंतरिक्ष से 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने की तैयारी भी कर रहे हैं.