दुनिया की 3 सबसे बड़ी विमान कंपनियों में से एक बोइंग के 33,000 कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है. ये कर्मचारी पिछले हफ्ते से वेतन वृद्धि को लेकर हड़ताल कर रहे थे. हालांकि, कंपनी ने हड़ताल को छंटनी की वजह नहीं बताया है. बोइंग का का कहना है उनका बिजनेस अभी मुश्किल दौर से गुजर रहा है इसलिए वह कॉस्ट कटिंग के लिए यह फैसला ले रही है.
कर्मचारियों की मांग थी कि उनके वेतन में 4 सालके अंतराल पर 40 फीसदी की वृद्धि की जाए लेकिन कंपनी केवल 25 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए ही सहमत हुई. कंपनी न केवल छंटनी करेगी बल्कि कॉस्ट कटिंग के लिए नई भर्तियों पर भी रोक लगाने जा रही है. इसके अलावा हर स्तर पर वेतन वृद्धि पर कुछ समय के लिए रोक लगाई जाएगी. कई रिपोर्ट्स के अनुसार, बोइंग 1.40 लाख कर्मचारियों के साथ किसी भी अन्य एयरक्राफ्ट निर्माता से बड़ी नियोक्ता है.
बोइंग पर वित्तीय संकट
बोइंग को 2019 से अब तक 25 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. 2024 की दूसरी तिमाही में ही कंपनी को 4.3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. कंपनी का कहना है कि जारी हड़ताल के कारण कंपनी को और इस नुकसान से रिकवर करने में समस्या आ रही है.
क्या होगा भारत पर असर?
भारत की 2 बड़ी एयरलाइंस ने बोइंग को विमान के ऑर्डर दिए हुए हैं. मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अकासा, एयर इंडिया की इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस और स्पाइसजेट को अपने कारोबार के विस्तार में परेशानियों का सामान करना पड़ सकता है. एयर इंडिया एक्सप्रेस को अगले साल जनवरी तक अपने बेड़े में 50 एयरप्लेन जोड़ने थे लेकिन अभी तक केवल 30 ही हवाईजहाज जुड़ पाए हैं. हड़ताल के कारण इसमें और देरी हो सकती है.