जम्मू-कश्मीर चुनाव के बीच केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने न्यूज18 इंडिया को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया. उन्होंने माना कि घाटी देश की दो आंखे हैं. अगर एक आंख से भी कम दिखेगा तो काम नहीं चलेगा. हमारे लिए दोनों बराबर हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में लोग बाहर आकर अपने वोट की ताकत का इस्तेमाल करेंगे. इस चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या पर भी जम्मू-कश्मीर के एलजी की तरफ से बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की पंचायती राज पॉलिसी के कारण ऐसा संभव हो सका है.
मनोज सिन्हा ने कहा, ‘मैं ये मानता हूं कि यहां की अवाम लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा मतदान करेगी. हमने जितना काम महिलाओं के लिए किया, उतना किसी और ने नहीं किया. जितना काम पिछले 10 साल में हुआ है, उतना पहले नहीं हुआ.’ विपक्षी नेताओं द्वारा लगातार निशाना साधे जाने पर मनोज सिन्हा ने कहा, ‘मैं कोई पोलिटिकल जवाब नहीं दूंगा लेकिन कहूंगा कि जो संवैधानिक पद पर बैठे हैं, उनको ऐसी बाते नहीं बोलनी चाहिए. राजनैतिक दलों को जो बोलना है बोलें, हम काम करते रहेंगे.
निर्दलीयों की बढ़ती संख्या पर क्या बोले LG?
एलजी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024 में निर्दलीयों के बड़ी संख्या में हिस्सा लेने पर कहा कि 2012 में इससे ज्यादा निर्दलीय थे. इसको राजनितिक रूप से न देखें. पंचायती राज सिस्टम बढ़ा है. इसके कारण लोकल लीडर्स को अब यह आत्मविश्वास आया है कि वो अब सिस्टम का हिस्सा बनेंगे. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पंचायती राज सिस्टम को काफी प्रमोट किया था, जिसके तहत घाटी की हर ग्राम पंचायत को मजबूत किया गया. सभी ग्राम पंचायत के खातों में केंद्र सरकार ने डायरेक्ट पैसे भेजे, ताकि वो खुद अपने गांव के भले के लिए रुपयों का अच्छे से इस्तेमाल कर सकें.
‘चुनी हुई सरकार के साथ करेंगे काम’
एलजी मनोज सिन्हा ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर चुनाव के बाद राज्य में जो भी चुनी हुई सरकार आएगी, अगर वो शांति के लिए काम करेगी तो हम भी साथ मिल कर काम करेंगे. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हमले पर उपराज्यपाल ने कहा कि आर्टिकल- 370 और 35A अब संविधान का हिस्सा नहीं हैं. कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम पैकेज के तहत काम किया जा रहा है. उनकी जो समस्याएं हैं, उनके लिए एक माइनॉरिटी डिपार्टमेंट बना दिया है.’