धानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त अनाज लेने वाले देश के 80 करोड़ लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है. सरकार ने योजना के तहत 35 लाख टन अतिरिक्त गेहूं का आवंटन किया है. साथ ही कहा गया है कि यह बढ़ा हुआ आवंटन मार्च, 2025 तक जारी रहेगा.
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बुधवार को बताया कि सरकार ने गेहूं की कीमतों को स्थिर करने के प्रयास के तहत बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों को अक्टूबर से गेहूं का आवंटन बढ़ाने की घोषणा की है. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की 100 दिन की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मंत्रियों की एक समिति ने पीएमजीकेएवाई के तहत अतिरिक्त 35 लाख टन गेहूं के लिए मंजूरी दी है.
कब तक जारी रहेगा आवंटन
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह बढ़ा हुआ आवंटन मार्च, 2025 तक जारी रहेगा. इससे संभवतः योजना के तहत गेहूं-चावल अनुपात को बहाल करने का प्रयास किया जा सकेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या इस बढ़ी हुई मात्रा से गेहूं-चावल का अनुपात बहाल हो जाएगा, सचिव ने कहा, ‘यह अब भी सामान्य मात्रा से 10-20 लाख टन कम होगा.’ उन्होंने कहा कि भविष्य के घटनाक्रमों के आधार पर आवंटन की समीक्षा की जा सकती है.
पहले बढ़ाया था चावल का आवंटन
सरकार ने कम घरेलू उत्पादन से आपूर्ति घटने के कारण मई, 2022 में पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं का आवंटन 1.82 करोड़ टन से घटाकर 71 लाख टन करते हुए चावल का आवंटन बढ़ा दिया था. चोपड़ा ने पिछले साल के 11.29 करोड़ टन के बंपर उत्पादन का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल गेहूं की उपलब्धता पर्याप्त है. यही वजह है कि गेहूं का आवंटन अब बढ़ाकर चावल के बराबर करने की कोशिश है.
खाद्य सचिव ने कहा, ‘उद्योग के अनुमानों के अनुसार भी यह पिछले वर्ष की तुलना में कम से कम 40-50 लाख टन अधिक है. पिछले वर्ष वास्तविक उत्पादन 11.29 करोड़ टन था, जबकि सरकारी खरीद 2.66 करोड़ टन थी. बाजार की चिंताओं के बारे में चोपड़ा ने कहा कि गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों में स्थिरता को देखते हुए मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने की तत्काल कोई योजना नहीं है.