बिलासपुर में ईद मिलादुन्नबी पर कुछ लोगों ने फिलिस्तीन का झंडा फहराया. इसके बाद पूरे छत्तीसगढ़ में बवाल मच गया है. इस मामले में हिंदू-मुस्लिम संगठन आमने-सामने आ गए हैं. पुलिस पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं. विवाद बढ़ता देख पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया. लेकिन, अब इन आरोपियों की जमानत को लेकर हंगामा मचा हुआ है. 18 सितंबर को मुस्लिम समुदाए के लोग बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे. वे यहां धरने पर बैठक गए. उन्होंने ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाने शुरू कर दिए. इसके बाद प्रशासन ने उन्हें समझाकर जैसे-तैसे शांत किया.
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि आरोपियों की जमानत के लिए सारे कागजात तैयार हो चुके हैं. लेकिन, उन पर अधिकारी साइन नहीं कर रहे. इसी बात को लेकर वे बड़ी देर तक सड़क पर डटे रहे. दूसरी ओर, अब इस मामले में आम आदमी पार्टी की भी एंट्री हो गई है. आप का कहना है कि आरोपियों को जमानत न देना ठीक बात नहीं है. फिलिस्तीन का झंडा लगाना अपराध कब से हो गया. हमारे देश में तो फिलिस्तीन का दूतावास भी है, उस पर भी कानूनी मुकदमा करना चाहिए.
वीडियो वायरल होते ही मचा था हड़कंप
दूसरी ओर, फिलिस्तीन का झंडा लहराने का वीडियो भी वायरल हुआ था. ये वीडियो देखने के बाद एक शख्स ने पुलिस में शिकायत की थी. उसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल एक्शन लिया और फिलिस्तीन के लगे झंडे को उतारा. दूसरी ओर, घटना की जानकारी लगते ही हिंदू संगठन तत्काल तारबहार थाना पहुंचे और जमकर नारेबाजी की. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इसके बाद तारबहार पुलिस ने पांच लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ शत्रुता फैलाने की धारा 197/2 के तहत कार्रवाई की. हिन्दू संगठन के सदस्यों ने इस घटना के पीछे पीएफआई और स्लीपर सेल के लोगों के शामिल होने की आशंका जताई.
क्या है पूरा विवाद
बता दें, मामला 16 सितंबर का है. मुस्लिम समुदाए के सदस्य ईद मिलादुन्नबी के मौके पर जुलूस निकाल रहे थे. इस बीच तारबाहर क्षेत्र में सड़क पर फिलिस्तीन का झंडा लहराता हुआ दिखा. ये देख किसी शख्स ने इस घटना का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद हिंदू संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई. वे तत्काल एसपी के पास पहुंचे. संगठनों ने कहा कि फिलिस्तीन का झंडा फहराना निंदनीय है.