नई दिल्ली. ट्रैफिक मूवमेंट के मामले में भारत का सबसे धीमा शहर कहे जाने वाले बेंगलुरु में देश की पहली हाई-स्पीड ट्रेन बनने जा रही है. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने 5 सितंबर को दो चेयर-कार हाई-स्पीड ट्रेनों के निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की. स्टेनलेस स्टील कारबॉडी ट्रेनों की अधिकतम गति 280 किमी प्रति घंटा और परिचालन गति 250 किमी प्रति घंटा होगी. बोली जमा करने की अंतिम तिथि 19 सितंबर (गुरुवार) थी.
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन का निर्माण BEML के बेंगलुरु स्थित प्लांट में किया जाएगा. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई के महाप्रबंधक यू सुब्बा राव ने बताया कि केवल BEML ने दो आठ-कार ट्रेन सेट बनाने के लिए बोली प्रस्तुत की है, और टेंडर को एक सप्ताह में अंतिम रूप दे दिया जाएगा. चूंकि यह केवल दो ट्रेनों के लिए एक छोटा ऑर्डर है, इसलिए अन्य रोलिंग स्टॉक निर्माता भाग लेने के लिए उत्सुक नहीं थे. हमारा लक्ष्य 2.5 वर्षों में निर्माण कार्य को पूरा करना है.”
250 करोड़ रुपये में बनेंगी ट्रेनें
BEML-मेधा सर्वो ड्राइव्स ने ट्रेनों को बनाने में सटीक राशि स्पष्ट नहीं है, लेकिन अनुमान है कि एक ट्रेन को बनाने में कुल खर्च 200-250 करोड़ रुपये हो सकता है. ये ट्रेनें मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) कॉरिडोर पर चलेंगी, जिसे नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा विकसित किया जा रहा है.
शुरुआत में इस लाइन पर जापानी शिंकानसेन ट्रेनें (320 किलोमीटर प्रति घंटे की परिचालन गति) चलने की उम्मीद थी. हालांकि, जापानी फर्मों द्वारा बीडिंग में अधिक कीमत के कारण, केंद्रीय रेल मंत्रालय ने घरेलू स्तर पर हाई-स्पीड ट्रेनें विकसित करने का फैसला किया.
यूरोपियन लेवल के होंगे कोच
एक अधिकारी ने कहा, “बीईएमएल की कारबॉडी निर्माण विशेषज्ञता और मेधा की प्रोपल्शन क्षमताओं के साथ, यूरोपीय मानकों को पूरा करने वाली एक स्वदेशी हाई-स्पीड ट्रेन बनाई जा सकती है. मेधा अपनी प्रोपल्शन प्रणाली को पहले से ही वंदे भारत ट्रेनों के जरिए साबित कर चुकी है, जो अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती हैं.”
मेधा अब 250 किलोमीटर प्रति घंटे की क्षमता वाली प्रोपल्शन तकनीक विकसित करेगी, जबकि बीईएमएल ऐसी गति को झेलने के लिए कारबॉडी संरचना विकसित करेगी. बीईएमएल-मेधा द्वारा इस परियोजना के लिए एक यूरोपीय डिजाइन सलाहकार को नियुक्त करने की उम्मीद है.
280 किलोमीटर प्रति घंटे की डिज़ाइन गति और 250 किलोमीटर प्रति घंटे की परिचालन गति वाली पहली ट्रेन दिसंबर 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है, जिसका परीक्षण MAHSR लाइन के सूरत-बिलिमोरा खंड पर किया जाएगा.
भारत से निर्यात का भी है प्लान
ट्रेन में मानक 3+2 सीटिंग व्यवस्था वाली सात बोगियां और 2+2 सीटिंग वाली एक कार्यकारी बोगी होगी. सूत्रों के मुताबिक, “कुल बैठने की क्षमता लगभग 174 होने की उम्मीद है. यात्रियों की मांग के आधार पर, भविष्य में ट्रेन में 12 या 16 बोगियां और जोड़ी जा सकती हैं. दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका जैसे निर्यात बाजारों पर नजर रखते हुए, ट्रेनों को मानक गेज ट्रैक के लिए बनाया जाएगा.”
मेधा अपनी हैदराबाद सुविधा से प्रोपल्शन सिस्टम का निर्माण और ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (TCMS) सॉफ़्टवेयर विकसित करेगी. BEML अपने बेंगलुरु कारखाने से अंतिम असेंबली और रोलआउट का काम संभालेगी. अधिकारी ने कहा, “सफल परीक्षणों के बाद, मुंबई-अहमदाबाद मार्ग और अन्य आगामी हाई-स्पीड रेल लाइनों, जैसे दिल्ली-वाराणसी, मुंबई-हैदराबाद और बेंगलुरु-चेन्नई के लिए अतिरिक्त ऑर्डर मिलने की संभावना है.”