नई दिल्ली. भारत पर बड़े आतंकवादी हमले का खतरा मंडरा रहा है. खासकर ISIS और अलकायदा के आतंकवादी देश पर हमले की फिराक में हैं. ये दोनों इंटरनेशनल टेरर ऑर्गेनाइजेशन जम्मू-कश्मीर के आसपास एक्टिव हैं. यह बात टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर पैनी नजर रखने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के सामने सबसे बड़ा आतंकवादी खतरा आईएसआईएस या अलकायदा से जुड़े समूहों से है. FATF ने गुरुवार को रिपोर्ट सार्वजनिक की है. रिपोर्ट में पूर्वोत्तर और उत्तर भारत में सक्रिय उग्रवादी संगठनों के साथ ही नक्सलियों की ओर से सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश करने की बात भी कही गई है. FATF की 368 पेज की रिपोर्ट में मणिपुर की हालिया स्थिति का भी उल्लेख किया गया है, जहां पिछले एक साल से अधिक समय से जातीय हिंसा जारी है, जिसके कारण 220 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 में आतंकवादी-वित्तपोषण (TF) जांच में अचानक वृद्धि देखी गई और इसका कारण मणिपुर में हुई घटनाएं हैं. इसके चलते 50 से अधिक मामलों में ऐसी जांच की गई है. FATF ने कहा कि साल 1947 में स्वतंत्रता मिलने के बाद से भारत लगातार आतंकवाद के प्रभावों से पीड़ित रहा है.
चौंकाने वाली बात
FATF की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को विभिन्न प्रकार के आतंकवाद के खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें भारत ने 6 विभिन्न क्षेत्रों में बांटा गया है. इन्हें संक्षेप में इस प्रकार बताया जा सकता है कि ये आईएसआईएल या अल-कायदा से जुड़े ग्रुप से जुड़े वर्ग हैं जो जम्मू-कश्मीर में और उसके आसपास सक्रिय हैं. पेरिस स्थित ग्लोबल संस्था FATF आतंकवाद की फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए कार्रवाई का नेतृत्व करती है और सिफारिशों को अंतिम रूप देती है. एफएटीएफ ने कहा कि भारत के उत्तर-पूर्व और उत्तर क्षेत्र में क्षेत्रीय उग्रवाद तथा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश करने वाले वामपंथी नक्सली समूह देश के लिए अन्य खतरे हैं.
सरकार को उखाड़ फेंकने का इरादा
FATF की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वोत्तर भारत और उत्तर भारत में सक्रिय उग्रवादी संगठनों के साथ ही देश में सक्रिय नक्सली संगठन सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं. इस लिहाज से यह देश के लिए बड़ा खतरा हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सबसे महत्वपूर्ण आतंकवाद का खतरा आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट) या एक्यू (अल-कायदा) से जुड़े समूहों से है. आईएसआईएल या आईएसआईएस को सीमित समर्थन मिलने के कारण विदेशी आतंकवादी लड़ाकों (एफटीएफ) की वापसी को भारत के संदर्भ में बड़ा खतरा नहीं माना गया है.