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‘अपनी मां की भी मत सुनो…’ मदरहुड पर खुलकर बोलीं काजोल, बताया 2 बच्‍चों की मां बनने का सफर

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Kajol speaks on Motherhood: ‘सुनो, बच्‍चे को गुनगुने तेल से ही माल‍िश करना, अरे तुमने काजल नहीं लगाया, आंखे छोटी रह जाएंगी, बच्‍चे को ब‍िस्‍क‍िट दूध में घोलकर ख‍िला दो हम तो ऐसे ही करते थे…’ मां बनने के बाद ऐसी सलाहें आपको खूब म‍िलती हैं. हालांकि मां बनने के बाद अक्‍सर माएं लगातार इस मानसिक दबाव में रहती हैं कि ‘उन्‍हें सबकुछ परफेक्‍ट करना है.’ बच्‍चों को पालने से लेकर उनकी हर जरूरत और हर व्‍यवहार के लि‍ए मां की तरफ ही देखा जाता है. ऐसे में अगर आप वर्किंग वुमेन हैं तो ये चैलेंज दुगने हो जाते हैं. बच्‍चों के खाने से लेकर उनकी सेहत, उनके स्‍कूल जाने तक हर चीज पर माओं को ढेरों सलाह म‍िलती हैं, जो नई माओं में मेंटल स्‍ट्रैस का भी कारण बनती हैं. ऐसे में एक्‍ट्रेस काजोल ने नई माओं को एक और सलाह दी है. काजोल का कहना है कि ‘मेरी यही सलाह है कि क‍िसी की सलाह मत मानो’.

काजोल दो बच्‍चों न‍िसा और युग की मां हैं. अपने बेहद सफल करियर से दूरी करते हुए काजोल ने अपने बच्‍चों पर पूरी तरह ध्‍यान दि‍या था. काजोल ने अपनी मदरहुड जर्नी पर कहा, ‘मुझे मां बनना था और ये मेरी चॉइस थी. मैंने कभी नहीं सोचा कि मैंने अपने बच्‍चों के ल‍िए कोई त्‍याग क‍िया या क‍िसी ने भी कोई त्‍याग क‍िया. मैं ये करना चाहती थी. हालांकि आज मैं ये मानती हूं कि उस वक्‍त में सच में बहुत ज्‍यादा ही अपने बच्‍चों के पीछे लग गई थी. बहुत ज्‍यादा हर चीज के पीछे लगी रहती थी. लेकिन ये बात मैं आज मानती हूं, पर तब मुझे लगता था कि मैं ही सही थी.’

तुम्‍हें 120 सलाह म‍िलेंगी, पर क्रेड‍िट और इल्‍जाम तुम्‍हारे हैं

काजोल ने मांओं को ये सलाह दी कि एक मां को असल में क‍िसी की बात नहीं सुननी चाहिए. एक्‍ट्रेस ने कहा, ‘हर मां अलग होती है. हर मां का अपने बच्‍चे बड़े करने का एक तरीका होता है. मुझे लगता है कि हर मां को बहुत सारी सलाहें म‍िलती हैं पर क‍िसी भी मां को क‍िसी और की एडवाइज कभी नहीं माननी चाहिए. यहां तक अपनी खुद की मां की भी नहीं… क्‍योंकि ये सच में ये सब बहुत ही अव्‍यवस्‍थ‍ित है. आपको इस पूरे सफर में कम से 120 ऐसे लोग म‍िलेंगे जो कहेंग कि ‘मेरी सलाह में तुम्‍हें ऐसे करना चाहिए, मुझे लगता है ये खाना चाहिए, ये करना चाहिए.’ लेकिन आपको ये सबकुछ नजरअंदाज करते हुए स‍िर्फ अपने मन की बात सुननी चाहिए. मुझे लगता है कि हर मां को ये खुद तय करना चाहिए कि उनके लि‍ए और बच्‍चे के लि‍ए क्‍या बेहतर है. हमेशा याद रखिए आपके लि‍ए क‍िसी और की राय कतई अहम नहीं होनी चाहिए, क्‍योंकि ये आपका सफर है. याद रखिए क‍िसी और को न तो इसका क्रेड‍िट म‍िलेगा और न ही क‍िसी और पर इल्‍जाम डाला जाएगा.’

‘क‍िसी की सलाह मत लो’

काजोल नई मांओं को सलाह देते हुए कहती हैं, ‘आपको अपने लि‍ए खुद खड़े होना होगा. अलग बच्‍चों की अलग जरूरत होती है. मुझे याद है कि मेरी बिल्‍ड‍िंग में एक नई मां थी और मेरी तभी शादी ही हुई थी. उसके 2 बच्‍चे थे, ज‍िसमें बेटे को डाउन स‍िंड्रॉम था और एक बेटी थी जो ठीक थी पर वो 1 साल अपने भाई से छोटी थी. दोनों नीचे खेलने आते थे और मां भी आती थी. मां वर्किंग वुमेन थी. उसने अपनी बेटी के साथ ही अपने बच्‍चे का एडम‍िशन कराया. अब ऐसा नहीं है, उसे सलाहें नहीं म‍िली होगी. लेकिन उसने ये अपने हि‍साब से तय क‍िया. अच्‍छा या बुरा आप कुछ भी कह‍िए पर ये उसका फैसला है. तो मेरी तो यही सलाह है कि ‘क‍िसी की सलाह मत लो.’