बाजार की रिकॉर्ड रैली में ताबड़तोड़ आईपीओ आ रहे हैं और उनसे लोगों को कमाई भी हो रही है. इसके चलते लगभग सभी आईपीओ को जोरदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. लोगों के मन में धारणा बैठ गई है कि आईपीओ में शेयर अलॉट होने पर कमाई की गारंटी होती है, जो सही नहीं है. ये शेयर उसके अच्छे उदाहरण हैं, जिनसे आईपीओ के निवेशकों को कमाई तो नहीं हुई, नुकसान जरूर हो गया.यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस: यह आईपीओ 13 अगस्त को खुला था. इसका इश्यू प्राइस 108 रुपये था. लिस्टिंग से एक दिन पहले शेयर 69 रुपये के प्रीमियम पर ग्रे मार्केट में ट्रेड कर रहा था. अभी शेयर इश्यू प्राइस से 4.2 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहा है.
टोलिन्स टायर्स के शेयर आईपीओ में 226 रुपये के इश्यू प्राइस की तुलना में अभी 12.2 फीसदी के नुकसान में हैं, जबकि क्रॉस का शेयर 8.1 फीसदी के नुकसान में ट्रेड कर रहा है.पीएन गाडगिल ज्वलेर्स का शेयर तो लगभग डबल भाव पर ग्रे मार्केट में ट्रेड कर रहा था. 480 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले लिस्टिंग से पहले उसका जीएमपी 303.50 रुपये पर था. अभी शेयर 12 फीसदी के नुकसान में है.
इसी तरह सीगल इंडिया के शेयर 9.3 फीसदी के नुकसान में, सरस्वती साड़ी डिपो के शेयर 15 फीसदी के नुकसान में और बाजार स्टाइल रिटेल के शेयर 8.4 फीसदी के नुकसान में ट्रेड कर रहे हैं.