तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवर की चर्बी मिलने पर बवाल मच गया है. लैब रिपोर्ट से पता चला है कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए जो देसी घी इस्तेमाल होता था, वो मिलावटी था. उसमें सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, नारियल, कॉटन सीड और अलसी के अलावा फिश ऑयल, बीफ टैलो जैसी चीजें थीं. हेल्थ एक्सपर्ट्स देसी घी को गुड फैट बताते हैं पर इसमें मिलावट जानलेवा हो सकती है. आइये आपको ऐसे तरीके बताते हैं जिससे आप घर बैठे पता कर सकते हैं कि जो घी खा रहे हैं वो शुद्ध है या मिलावटी.
हेल्थ और फिटनेस कोच गुंजन तनेजा एक वीडियो में देसी घी के पहचान के कई तरीके बताती हैं. वॉटर टेस्ट. एक ग्लास में नॉर्मल पानी लें. इस पानी में एक चम्मच घी डालें. अगर घी शुद्ध होगा तो वह पानी पर तैरता रहेगा और अगर इसमें कोई मिलावट होगी तो पानी में डूब जाएगा.
है मेल्टिंग टेस्ट. गुंजन तनेजा कहती हैं थोड़ी सी जमी हुई घी को पैन में लेकर गर्म करें. अगर घी शुद्ध होगा तो वह फौरन पिघल जाएगा और ब्राउन कलर का हो जाएगा. अगर मिलावटी होगा तो पिघलने में समय लेगा और पीले रंग का दिखने लगेगा. आयोडीन टेस्ट. अगर आपके घर में आयोडीन है तो एक चम्मच घी में थोड़ा सा आयोडीन मिला दें. अगर घी पर्पल रंग का हो जाता है तो इसका मतलब है कि उसमें कोई मिलावट है.
शुगर टेस्ट. एक चम्मच घी और उतनी ही चीनी लें. दोनों को गर्म करें. अगर चीनी तुरंत नहीं पिघलती और लंप जैसा बन जाता है तो इसका मतलब है कि घी में मिलावट है. डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी अनिक के मुताबिक भी झटपट पता की जा सकती है. एक चम्मच गाय का घी अपनी हथेली पर लें. अगर घी पिघलने लग जाता है तो इसका मतलब है कि ये शुद्ध है. अगर नहीं पिघलता तो मिलावटी हो सकता है. अनिक के मुताबिक गाय का घी बॉडी टेंपरेचर पर पिघलने लगता है.
गुंजन तनेजा कहती हैं कि बहुत लोग घी को सूंघकर भी पता लगा लेते हैं कि उसमें मिलावट तो नहीं है. अगर घी में मिलावट होगी तो उसमें कुछ आर्टिफिशियल स्मेल आएगी और टेस्ट भी अलग करता है. शुद्ध घी साफ दिखता है और उसका टेक्सचर भी एकदम स्मूथ होता है. अगर घी में चर्बी, पाम ऑयल जैसी कोई मिलावट होगी तो उसमें लंप (टुकड़ा) जैसा नजर आएगा. दो तरह के कलर का दिखेगा. शुद्ध घी की सबसे बड़ी पहचान यह है कि रूम टेंपरेचर पर भी लिक्विड फॉर्म में रहता है.