अरविंद केजरीवाल के सीएम पद छोड़ने के बाद सोमवार को आतिशी पहली बार नए मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की गद्दी पर बैठी. उन्होंने अपनी चेयर के ठीक बाजू में एक नई कुर्सी लगावा दी. आतिशी का कहना है कि जिस तरह भगवान राम के 14 साल के वनवास के दौरान भरत उनकी कुर्सी पर बड़े भाई की खड़ाऊ रखकर अयोध्या का शासन चला रहे थे. ठीक वैसे ही वो भी अरविंद केजरीवाल की कुर्सी को अपने साथ रखते हुए अगले पांच महीने दिल्ली सरकार का संचालन करेंगी. आतिशी की रामायण, राम व भरत वाली पॉलिटिक्स भले ही उनके निजी राजनीतिक करियर व आम आम आदमी पार्टी को सूट करती है लेकिन दिल्ली के लोकल मुद्दों से इसका कोई सरोकार नहीं है.
दिल्ली के लोग मार्च में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के जेल में जाने से लेकर अब तक बहुत से दुख-दर्द झेल रहे हैं. उनकी समस्याओं का समाधान आतिशी की कुर्सी पॉलिटिक्स से नहीं होगा. सीएम की गैर-हाजिरी में राजधानी में पिछले छह महीने से भी लंबे वक्त से दिल्ली सरकार की कोई कैबिनेट बैठक नहीं हो पाई है. सरकारी कामकाज से लेकर एमसीडी से जुड़ी फाइलें सीएम के सिग्नेचर की बाट जोह रही हैं. जिनपर तुरंत काम करने की जरूरत है.
राउज आईएएस कांड तो याद ही होगा
दिल्ली के राजेंद्र नगर में 27 जुलाई की शाम को राउज कोचिंग सेंटर में आईएएस बनने की इच्छा रखने वाले दो छात्र बेसमेंट में डूबकर मर गए थे. सिस्टम का इतना बड़ा फेलियर इससे पहले कभी भी नहीं देखा गया होगा. धड़ल्ले से जारी अवैध निर्माण पर ना दिल्ली सरकार ने ध्यान दिया और ना ही एमसीडी ने. बारिश और जलभराव के चलते बच्चों की मौत के बाद सब एक दूसरे पर सिर्फ पल्ला झाड़ते नजर आए थे.
आशा किरण आश्रय गृह में 14 बच्चों की मौत
दिल्ली का सिस्टम किस कदर चरमराया हुआ है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कैसे रोहिणी के आश किरण आश्रय गृह में महज एक महीने में 14 बच्चों की जान चली गई थी. वहां ना बच्चों को ठीक से खाना मिल रहा था और ना ही पीने के लिए पानी. साल के पहले छह महीने में ही इस आश्रय गृह में 28 बच्चों ने अपनी जान गंवा दी थी. सीएम मैडम आतिशी जी को जल्द से जल्द इन मुद्दों पर फोकस करना चाहिए. ताकि दोबारा ऐसी घटना को रोका जा सके.
सड़क धंस रही, जगह-जगह हो रहा जल भराव
देश की राजधानी होने के नाते इस शहर में केवल भारत ही नहीं विदेशों से भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, लेकिन सीएम मैडम यहां जरा सी बारिश में जल भराव की स्थित पैदा हो जाती है. इसपर भी थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है. दो दिन पहले त्रिलोकपुरी में एक सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया और उसके अंदर एक रिक्शा जा गिरा. नई सरकार का फोकस जल्द से जल्द पहले से त्रस्त लोगों को राहत पहुंचाने पर होना चाहिए.