पिछले साल दिसंबर से भारतीय शेयर बाजारों में एकतरफा तेजी जारी है. लोकसभा चुनाव के नतीजों वाले दिन जरूर मार्केट फिसला, लेकिन उसके बाद से तेजी का सिलसिला टूटा नहीं है. अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के ऐलान ने बाजार में मानों नया जोश भर दिया है. निफ्टी 26000 के सर्वकालिक स्तर को छू चुका है. ऐसे में अब निवेशकों के मन में सवाल है कि क्या मार्केट और ऊपर जाएगा या फिर मौजूदा स्तरों से गिरावट देखने को मिल सकती है. हर निवेशक इस सवाल का जवाब जानना चाहता है. इस सवाल का जवाब आंकड़ों से मिलेगा, जो यह बयां कर रहे हैं कि बाजार में तेजी जारी रहेगी. लेकिन, बाजार एक्सपर्ट्स का मानना है कि थोड़ी सावधानी बरतकर चलें, क्योंकि बाजार में करेक्शन आ सकता है. आइये आपको बताते हैं आखिर आंकड़े क्यों बाजार में तेजी का संकेत दे रहे हैं.
क्या कहते हैं विदेशी निवेशकों के ये आंकड़े
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड इक्विटी इंडेक्स और शेयरों पर फ्यूचर एंड ऑप्शन में विदेशी निवेशकों की 10 खरब रुपये से अधिक हिस्सेदारी है. F&O सेगमेंट में एफआईआई इंडेक्स और स्टॉक्स में तेजी की पॉजिशन बनाकर बैठे हैं.
आगे संभलकर निवेश करने की जरूरत
मार्केट एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि भले ही एफआईआई आक्रामक रूप से आशावादी बने हुए हैं, लेकिन निवेशकों को थोड़ा संभलकर फैसले लेने की जरूरत है. क्योंकि, आने वाले दिनों में कुछ अहम आर्थिक कारक बाजार के सेंटिमेंट को प्रभावित कर सकते हैं.
तेजी के बीच गिरावट संभव
Indiacharts.com के फाउंडर रोहित श्रीवास्तव ने इस बात पर जोर दिया कि FII पोजिशनिंग 3.6 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स पर है, जो इस साल 4 जुलाई को बने करीब 3.92 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स के उच्चतम स्तर के करीब है. यह 2016 के बाद से हाई लेवल है, जो बाजार में तेजी को दर्शा रहा है.
उन्होंने कहा, “भारतीय बाजारों को लेकर विदेशी निवेशकों का यह नजरिया और तेजी का संकेत दे रहा है. हालाँकि, इस तरह की बड़ी तेजी में अक्सर सावधानी बरतना जरूरी है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि निफ्टी में गिरावट का दौर आ सकता है.”