नई दिल्ली. हेड कांस्टेबल बशीर अहमद- ये वो नाम है, जिनके बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा. जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बशीर ने वो काम करके दिखाया, जिसके लिए देश का बच्चा-बच्चा उन्हें सलाम कर रहा है. सामने आतंकी थे और दिमाग में देश की रक्षा का जुनून. बशीर ने अपनी जान की परवाह किए बिना एक आतंकी को मार गिराया. खास बात यह है कि बशीर कठुआ के जिस घर में आतंकी छुपे हुए थे उसके 100 मीटर करीब पहुंच गए थे. आतंकियों को इसकी भनक लग गई थी. गोली खाने के बाद भी वो आतंकियों के खिलाफ जमकर लड़े. हालांकि इससे पहले ही वो एक आतंकी को ढेर कर चुके थे.
कठुआ जिले में जारी मुठभेड़ के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कांस्टेबल ने शनिवार शाम को ही एक आतंकवादी को मार गिराया था. अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे गोलीबारी शुरू हुई. सुरक्षा बलों को एक घर के अंदर आतंकवादियों के एक समूह की मौजूदगी की सूचना मिली थी. जंगल के बीच में स्थित इस गांव में ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी मौजूद थे. घेराबंदी की गई और फिर तलाशी अभियान शुरू किया गया.
इसी बीच आतंकियों को सुरक्षा बलों की मौजूदगी की भनक लग गई और उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कांस्टेबल बशीर अहमद जिस घर में आतंकी छुपे थे उसके 100 मीटर करीब तक पहुंच गए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, “कठुआ जिले के बिलावर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोग (मंडली) गांव में मुठभेड़ के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कांस्टेबल बशीर अहमद ने आतंकवादी को मार गिराने में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उन्होंने आतंकवादी पर गोली चलाई और बदले में उन्हें गंभीर चोटें आईं.”