राजस्थान में मौसमी बीमारियों तेजी से फैल रही हैं. घर-घर में मौसमी बीमारियों के मरीज सामने आ रहे हैं. अस्पतालों में इलाज के लिए मरीजों की लाइनें लगी हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकडों को मानें तो इस साल अब तक प्रदेशभर में डेंगू के चार हजार 227 केस आ चुके हैं. जबकि मलेरिया के 1028 और स्क्रब टायफस के 1988 केस आ चुके हैं. अब मौसमी बीमारियों से मौतों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. डेंगू और स्क्रब टायफस से मौतों की खबरें सामने आ रही है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अब तक डेंगू और स्क्रब टायफस से एक भी मौत रिपोर्ट नहीं हुई है.
दूसरी तरफ हकीकत यह है कि राजधानी जयपुर में स्थित प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में ही स्क्रब टायफस से 6 लोगों की मौत रिपोर्ट की गई है. इसी तरह कोटा और दौसा में डेंगू से मौत की खबरें सामने आई है. इससे स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. ये हाल तब हैं जब लोग डेंगू और मलेरिया की जांच कराए बिना ही डॉक्टर्स से इलाज ले रहे हैं.
मौतों के मामलों के चैक कराया जाएगा
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि मौतों के मामलों के चैक कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि रियलिटी को एक्सेप्ट करेंगे तो तभी हम एड्रेस कर पाएंगे. दौसा में डॉक्टर की मौत पर प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी लेंगे. जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रविप्रकाश माथुर स्क्रब टायफस से मौतों पर कहा कि एसएमएस से स्क्रब टायफस की रिपोर्ट आ चुकी है. प्रोटोकॉल पूरा होने के बाद रिपोर्ट में शामिल करेंगे.
राजस्थान में स्क्रब टायफस के हालात
राजस्थान में स्क्रब टायफस के इस साल में अब तक 1988 केस सामने आए हैं. इनमें सर्वाधिक उदयपुर में 337 केस उदयपुर में सामने आए हैं. उदयपुर के बार दूसरे नंबर पर जयपुर है. जयपुर में 313 केस स्क्रब टायफस के पाए गए हैं. उदयपुर और जयपुर के अलावा अलवर में 129, दौसा में 116, चित्तौड़गढ़ में 110 और राजसमंद 219 केस सामने आ चुके हैं. स्क्रब टायफस से प्रदेश में छह लोगों की मौत हो चुकी है.
प्रदेश में डेंगू के हालात
प्रदेश में अब तक डेंगू के आए 4227 केसेज सामने आए हैं. इनमें बीते 18 दिन में 1735 केस आए हैं. डेंगू के मामले में भी पहले नंबर पर उदयपुर है। वहां अब 550 केस सामने आ चुके हैं. जयपुर में 396, जयपुर ग्रामीण में 333, अजमेर में 119, अलवर में 131, भरतपुर में 102, बीकानेर में 329, बूंदी में 103 और दौसा में 209 केस सामने आए हैं. इसी तरह से गंगापुरसिटी में 101, कोटा में 173, राजसमंद में 110 और टोंक में 135 डेंगू केस आए हैं.
लोगों को विशेष खयाल रखने की जरुरत है
प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने भी माना कि लोग वायरल समझकर ही घर पर ट्रीटमेंट कर रहे हैं. दौसा की डॉक्टर की मौत भी दुर्भाग्यपूर्ण हैं. लोगों को विशेष खयाल रखने की जरुरत है. उन्होंने बताया कि बीकानेर, बाड़मेर, बांसवाड़ा, उदयपुर और धौलपुर समेत ज्यादा केसेज वाले जिलों में टीमें भेजी जा रही है. उन जिलों के जिला कलेक्टर्स से भी बात की गई है.